बूढ़ा खेड़ा गांव को पूरे भारत में फेमस करने का श्रेय केवल सुल्तान झोटे (Sultan Bull) को जाता है। लेकिन अब वह नहीं रहा, पर उसकी प्रसिद्धि ने आज भी नरेश बैनीवाल व उसके परिवार को एक उच्च श्रेणी के पशु प्रेमी के रूप में पहचान दिलाई है। नरेश बैनीवाल व उनके परिवार के लिए सुल्तान (Sultan) की मौत किसी सदमे से कम नहीं थी। लेकिन उन्होंने इससे उभर कर फिर से पशु प्रेमियों की उच्च श्रेणी में काबिज होने के लायक एक ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। नरेश बैनीवाल ने रेशमा नाम की एक मुर्राह नस्ल (Murrah breed) की भैंस (Reshma Buffalo) तैयार की है। जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस है।
रेशमा ने पहली बार जब बच्चे को जन्म दिया तो 19-20 लीटर दूध दिया था। जिसके बाद नरेश ने उसको तैयार किया। दूसरी बार उसने 30 लीटर दूध दिया। जब तीसरी बार रेशमा मां बनी तो 33.8 लीटर दूध के साथ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

कई डॉक्टरों की टीम ने 7 बार दूध निकालकर देखा जिसके बाद रेशमा भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस बन गई। नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) की तरफ से कल ही 33.8 लीटर रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट साथ रेशमा को उन्नत किस्म की पहले नम्बर की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

रेशमा की दूध की फैट की गुणवत्ता 10 में से 9.31 है। दूध निकालने के लिए दो लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि इतना दूध निकालना एक के बस की बात नहीं। रेशमा में डेयरी फार्मिंग एसोसिएशन (Dairy Farming Association) की तरफ से लगाए गए पशु मेले में भी 31.213 लीटर दूध के साथ प्रथम पुरस्कार जीता है। इसके अलावा कई अन्य इनाम भी रेशमा ने जीते।
हमेशा खलेगी सुलतान की कमी

मालिक नरेश व राजेश का कहना है कि सुल्तान ने हमें वो नाम दिया जिसकी वजह से देश-प्रदेश में हमें हर कोई जानता है। उसकी कमी तो हमेशा रहेगी लेकिन अब हम कोई और बुल तैयार करेंगे। पशुओं में नाम बहुत कमाया, लेकिन सुल्तान जैसा कोई नहीं। अब मुर्राह नस्ल की रेशमा भैंस भी काफी दूध देकर नाम कमा रही है। इसने सबसे ज्यादा दूध देकर रिकॉर्ड बनाया है। में खरीदी थी रेशमा
इतने में खरीदी थी रेशमा

नरेश ने बताया कि उन्होंने 1.40 लाख में इस भैंस को खरीदा था। जब इसने पहला बच्चा जन्मा तो उसके बाद इसपर मेहनत की और तीसरी बार जब बच्चा दिया तो इसका दूध 33.8 लीटर मापा गया। जो NDDB की तरफ से रिकॉर्ड दर्ज किया गया। रेशमा की खुराक में डेली 12KG दाना/फीड होता है और वो इसकी अपने बच्चों की तरह देख भाल करते हैं।