हरियाणा सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन संबंधी बातों को लेकर बन रहें संशय को दूर कर दिया है। कालका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने विधानसभा में पेंशन कटने का मुद्दा उठाया। प्रदीप चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा सरकार द्वारा दो लाख से अधिक आय वाले बुजुर्गों की पेंशन काटी जा रही है। समाज कल्याण मंत्री ओमप्रकाश यादव ने बताया कि केवल उन्हीं लाभार्थियों की पेंशन रोकी गई है, जिनकी वार्षिक आय साढ़े तीन लाख रुपए या इससे अधिक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब उन बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन नहीं कटेगी, जिनकी सालाना आय तीन लाख 50 हजार रुपये तक है। सरकार ने कहा कि यह आरोप गलत है।
हरियाणा सरकार में मंत्री ओमप्रकाश यादव ने विधानसभा में जवाब दिया कि पेंशन को परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) के साथ जोड़ा गया है, इसलिए परिवार पहचान पत्रों में जो आय दी गई है, उसमें साढ़े तीन लाख रुपये या इससे अधिक आय होने की जानकारी खुद सरकार के पास पहुंच रही है।
लोगों की परेशानी को समझते हुए सरकार ने परिवार पहचान पत्रों में गलतियों को सुधारने का मौका भी दिया है, जिसके बाद जो गलती सुधारी जाएगी, उसे वैरीफाई कराया जाएगा।
समाज कल्याण मंत्री ओमप्रकाश यादव ने बताया कि कमाई का यह आंकड़ा बुजुर्गों ने परिवार पहचान पत्र पर रजिस्ट्रेशन करते समय खुद सरकार को उपलब्ध करवाया है। उन्होंने कहा कि अब परिवार पहचान पत्र में संशोधन का सरकार ने ऑप्शन दिया है। अगर किसी बुजुर्ग को यह लगता है कि रिकार्ड में उसकी आय ज्यादा दिखाई गई है तो वे दस्तावेजों के साथ इसमें बदलाव कर सकते हैं।
वर्तमान में इन्हें मिल रहा है लाभ
समाज कल्याण मंत्री ओमप्रकाश यादव ने बताया कि हमारी सरकार बुजुर्गों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सरकार विधिवत रूप से पेंशन की पात्रता के लिए सालाना आय का दायरा बढ़ाने जा रही है। लिमिट कितनी बढ़ेगी इसका अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक तक कमाने वाले बुजुर्ग लोगों को ही पेंशन का लाभ मिलता है।