उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा लोगों को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक के लिए शुरू की गई स्वामित्व-योजना पूरे देश के लिए एक मिसाल बनी है और केंद्र सरकार ने भी इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना शुरू की है। उन्होंने सभी विधायकों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करें तथा इसके क्रियान्वयन में सरकार का सहयोग करें। हरियाणा विधानसभा के बजट-सत्र के दौरान डिप्टी सीएम सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य में गांव को लाल डोरा मुक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बसे हुए लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना लागू की गई है।
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इस योजना के अंतर्गत अब तक 3,93,451 संपत्ति कार्ड दिए गए हैं। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-2021 में नियमित रूप से विभागीय अधिकारियों की ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं समीक्षा बैठकें आयोजित की गई।
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जिला स्तर पर उपायुक्त इस योजना के प्रभारी के रूप में कार्य करते हैं तथा उनके साथ जिले में इस प्रक्रिया में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी,खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, तहसीलदार, ग्राम सचिव और राजस्व पटवारी शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री ने संपत्ति कार्ड/आईडी बनाने की प्रक्रिया के बारे में सदन को अवगत कराते हुए बताया कि संपत्ति कार्ड या आईडी बनाने से पहले हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 26 के तहत ग्राम पंचायत, ग्राम सभा में आपत्तियां आमंत्रित करती है।
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ग्राम पंचायत द्वारा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद ग्राम पंचायत आपत्ति दर्ज कराने वाले व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देकर प्राप्त आपत्तियों, यदि कोई है तो उसका निवारण करती है।