रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के युद्ध के कारण सभी देश चिंतित हैं क्योंकि वहां उनके देश के नागरिक भी हैं। ऐसे में सभी देश अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकलने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। लोगों को यूक्रेन का बॉर्डर पार करवाकर सुरक्षित निकाला जा रहा है। भारत भी यूक्रेन में फंसे अपने छात्रों को सुरक्षित निकालने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। हजारों की संख्या में छात्रों को सुरक्षित देश लाया जा चुका है लेकिन कुछ अब भी वहीं फंसे हुए हैं।
इसी बीच एक पाकिस्तानी छात्रा मारिया को यूक्रेन के कीव से निकालकर टर्नोपिल में पाकिस्तानी दूतावास (Pakistani Embassy) तक पहुंचाने वाले हरियाणा (Haryana) के हिसार जिले (Hisar District) के अंकित की पाकिस्तान के साथ-साथ हिंदुस्तान (India) में भी खूब तारीफ हो रही है।

सर्द मौसम और बर्फीली हवाओं के बीच अंकित ने अपनी जान की परवाह न करते हुए उस पाकिस्तानी युवती को तो सुरक्षित घर पहुंचाया। लेकिन रोमानिया पहुंचकर उसकी हालत काफी नाजुक हो गई थी। 17 घंटे तक वह परेशानियों को पार करते हुए शाम पांच बजे बस से एयरपोर्ट के लिए निकल पड़ा और जहां से उसे भारत लाया जा रहा है।

अंकित ने कहा कि ग्रेजुएशन (Graduation) की पढ़ाई करने के बाद वह रिश्तेदारों की मदद से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (software engineering) करने यूक्रेन चला गया। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अंकित का एडमिशन नहीं हुआ तो उसने भाषाई कोर्स (linguistic course) में एडमिशन ले लिया और इसी क्षेत्र में करियर बनाने की ठान ली।

अब जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी तो उसकी चिंता बढ़ गई। उसने बताया कि रिश्तेदारों से 10 लाख रुपए का ऋण लिया था, उसको अब कैसे चुकता करुंगा। सोचा था कि पढ़ाई पूरी कर विदेश में ही नौकरी कर ऋण चुकता कर दूंगा लेकिन भारत लौटने की बात ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
9 घंटे तक किया बर्फीली हवाओं का सामना

रोमानिया (Romania) तक के सफर में अंकित ने पूरे 9 घंटे बर्फीली हवाओं का सामना किया। इस दौरान उसकी तबीयत भी काफी नाजुक हो गई थी। मदद के लिए वह कभी किसी को मैसेज तो कभी फोन करता, यहां तक कि स्थानीय प्रशासन से भी उसने सम्पर्क किया लेकिन उसके पास बेहतर मेडिकल सहायता नहीं पहुंच सकी।
17 घंटे बाद तबियत में आया सुधार

शुक्रवार दोपहर अंकित की तबीयत में कुछ सुधार हुआ और शाम 5 बजे वह तथा उनके साथ करीब 47 भारतीय स्टूडेंट्स एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। रोमानिया एयरपोर्ट (Romania Airport) पर फ्लाइट में बैठने पर उसने सभी का धन्यवाद किया और भारत के लिए निकल पड़ा।

अंकित के पिता ने बताया कि जब बेटा रोमानिया (Romania) में मुश्किल में था तो उनके लिए एक-एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। वो लगातार भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि किसी तरह उनका बेटा सुरक्षित घर वापस आ जाएं।