वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने विधानसभा में 177255.99 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। इस बजट (Budget 2022) से प्रदेश के हर वर्ग को खुश करने की पूरी कोशिश की गई है। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने इस बार अपने बजट में किसानों की आमदनी बढ़ाने, स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) पर खास जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट आर्थिक विकास (Economic Development) और मानव विकास (Human development) को बढ़ाने, ईज ऑफ लीविंग (ease of living), गरीबों व वंचित समूहों के उत्थान और नई प्रौद्योगिकी (new technology) को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रोजगार (employment) व उद्यमिता (entrepreneurship) को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वज्र मॉडल’ प्रस्तुत करता है।
सीएम ने कहा इस बजट की 5 विकासात्मक शक्तियां हैं। अंत्योदय-गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान; समर्थ हरियाणा-सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर संरचनात्मक और संस्थागत सुधार; सस्टेनेबल डेवेलपमेंट; संतुलित पर्यावरण-पर्यावरणीय स्थिरता, सार्वजनिक व निजी भागीदारी।

गर्मी सीजन के मक्का की खरीद भी न्यूनतम समर्थम मूल्य पर होगी। नई ग्रामीण संपर्क सड़कों के निर्माण के लिए एचएसएएमबी को 200 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। फसल समूह विकास कार्यक्रम के तहत 100 पैक हाउस की स्थापना की जाएगी। फसल विविधिकरण कार्यक्रम के तहत 20,000 एकड़ फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा गया है।
उत्पादों की जांच के लिए स्थापित होंगे लैब

किसानों को किराए पर मशीनें उपलब्ध करवाने हेतु 5 मशीन बैंक केंद्रों की स्थापना की जाएगी। किसानों के (increase farmers’ income) मार्गदर्शन के लिए प्रगतिशील किसान कृषि दर्शन कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। वहीं सीएम ने घोषणा कि प्रदेश में हैफेड द्वारा गुड़ इकायां स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सभी जिलों में दूध और दुग्ध व अन्य खाद्य उत्पादों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
ऋण का ब्याज होगा माफ

वहीं एकमुश्त निपटान योजना के तहत 30 नवंबर 2022 तक फसली ऋण या अन्य लघु या मध्यम अवधि के ऋणों की मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों को दंडात्मक ब्याज सहित ब्याज की पूरी राशि माफ की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरते भूजल स्तर की रोकथाम के लिए 5000 रिचार्ज बोरवैल के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के ‘प्रति बूंद-अधिक फसल’ घटक में ₹1214 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
स्कूलों में शामिल होगा कौशल प्रशिक्षण व प्रमाणन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कॉलेजों व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कौशल प्रशिक्षण व प्रमाणन को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। कौशल विकास के लिए ‘गुरु शिष्य योजना’ के तहत 25000 गुरु व 75000 शिष्यों सहित 1 लाख व्यक्तियों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त टेबलेट (free tablets Scheme) दिए जाएंगे। सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए ट्विनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा।
बेटियों के लिए शुरू हुई ‘साथी’ योजना

उन्होंने आगे कहा कि अगले तीन वर्षों में 362 नए संस्कृति मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। कौशल को बढ़ावा देने के लिए एसटीईएम लैब की स्थापना की जाएगी। 8वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विषयवार ओलंपियाड व पुरस्कार दिया जाएगा।
नूंह में नए बहु विषयक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। बेटियों (sathi yojna for daughters) को सुरक्षित व सुलभ परिवहन सुविधा के लिए ‘साथी’ योजना शुरू की जाएगी। स्कूल हैल्थ कार्ड कार्यक्रम के तहत 25 लाख छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
महिलाओं के लिए की यह घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए 5 लाख रुपये की नकद राशि वाला ‘सुषमा स्वराज पुरस्कार’ तथा महिला उद्यमियों के लिए ‘हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता’ योजना की घोषणा की। कामकाजी महिलाओं के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में नये आवास बनाये जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ अब दूसरे बच्चे पर भी मिलेगा। आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए बाल संवर्धन प्रणाली शुरू की जाएगी।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ

मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में घोषणा करते हुए कहा, उपमंडलीय अस्पतालों को ऑक्सीजन सुविधा सहित 100 बिस्तरों के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा तथा अस्पतालों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ के इलाज की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। वहीं पीजीआई रोहतक में किडनी प्रत्यारोपण सुविधा शुरू की जाएगी।
इन जिलों में खुलेंगे मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज

कैथल, सिरसा और यमुनानगर में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी गई है, इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। पलवल, चरखी दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में भी नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। वहीं जींद, भिवानी, महेंद्रगढ़, सिरसा, यमुनानगर, पलवल, चरखी-दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में मेडिकल कॉलेजों के साथ नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है। एलोपैथी और आयुष उपचार पद्धतियों के लिए संयुक्त अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी।
मिलेंगी यह स्वास्थ्य सेवाएं

वहीं वार्षिक आय 1.80 लाख वाले परिवारों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ व 2 वर्ष में एक बार निःशुल्क सामान्य स्वास्थ्य जांच सुविधा प्रदान की जाएगी। वार्षिक आय 3 लाख वाले परिवारों के 70 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगजनों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ प्रदान किया जाएगा। छोटे कस्बों और बड़े गांवों में अस्पताल व नर्सिंग होम खोलने पर 3 वर्ष तक ऋण के ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट व हर खंड में TB जांच के लिए मॉलिक्यूलर टेस्टिंग लैब की सुविधा दी जाएगी।
गरीबों के लिए शुरू होगी मोबाइल यूनिट्स

गरीबों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाइल यूनिट्स शुरू करने का निर्णय लिया गया है। श्रमिकों की नियमित चिकित्सा जांच के लिए पानीपत, सोनीपत, अंबाला, हिसार, रोहतक और जींद में औद्योगिक स्वच्छता प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। बीमित श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को निजी अस्पतालों में कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाएंगी।

मानसिक दिव्यांगों के लिए अम्बाला में आजीवन देखभाल गृह की स्थापना की जाएगी तथा एड्स पीड़ितों को 2250 रूपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता का लक्ष्य रखा गया है। डॉ अम्बेडकर मेधावी छात्र योजना में 4 लाख रूपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार शामिल किए गए हैं।