यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 16 नए सेक्टरों को डेवलप करने की प्लानिंग की जा रही है। इसमें 10 हजार हेक्टेयर का शहरी क्षेत्र शामिल किया जाएगा। इन सेक्टरों में आवासीय, औद्योगिक और भू-मिश्रित उपयोग की भूमि शामिल है। नए सेक्टरों का प्रावधान मास्टर प्लान 2041 में किया गया है। हालांकि सभी इस योजना पर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मुहर नहीं लगी है। बोर्ड की मुहर लगने के बाद इन सभी पर काम किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण 2041 मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने जा रही है। मास्टर प्लान को तैयार करने की जिम्मेदारी विशेषज्ञ कंपनी को दी गई है।
कंपनी को प्राधिकरण ने कुछ सुझाव दिए है। प्राधिकरण के सुझाव को अपनी रिपोर्ट में सम्मलित करने के बाद कंपनी बोर्ड की बैठक में अपनी डीपीआर प्रस्तुत करेगी। दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख शहर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के पास विकसित होने वाले इस प्रोजेक्ट का सीधा लाभ हरियाणा के कई शहरों को भी मिलेगा।
लोगों को आवास और रोजगार के लिए इसे बेहतर तरीके से विकसित किए जाने की योजना है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मोहर लगते ही इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट में करीब 10 लाख लोगों को बसाने के साथ साथ रोजगार देने की भी योजना तैयार की जा रही है।
इन सेक्टरों में कर सकेंगे व्यवसाय
मास्टर प्लान में अवासीय मिश्रित और भू उपयोग के सेक्टर शामिल होते है। यमुना प्राधिकरण चार अवासीय सेक्टर विकसित करेगा। इन सेक्टरों की जमीन के भू मिश्रित उपयोग की भी जिम्मेदारी होगी। मास्टर प्लान के तहत इन सेक्टरों में व्यवसाय और उद्योग गतिविधियां की जा सकेगी।
मास्टर प्लान 2041 में यमुना प्राधिकरण में 10 हजार से अधिक हेक्टेयर जमीन पर शहरी गतिविधियां विकसित करने के लिए शामिल कर रहा है। अब शहरी क्षेत्र 22392 हेक्टेयर क्षेत्र से बढक़र 32168 हेक्टेयर हो गया।
2200 एकड़ जमीन आरक्षित
मास्टर प्लान 2041 में प्रति हेक्टेयर 126 व्यक्ति का औसत रखा गया है। जबकि 2021 मास्टर प्लान में 150 व्यक्ति का औसत रखा गया था। इसके हिसाब से देखा जाएगा तो शहर पूरी तरह से खुला और विकसित होगा। मास्टर प्लान के अनुसार 150 से 170 व्यक्ति का घनत्व होना चाहिए। मास्टर प्लान 2041 में मिक्स लैंड यूज और स्मार्ट सिटी का प्रावधान किया है। दोनों के लिए 2200 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। यहां यूरोप की तर्ज माल स्क्वायर तैयार होगा।
900 एकड़ पर बनेगा पार्क
नए सेक्टरों में एयरोट्रोपोलिस सिटी, एमआरओ सेंटर, वेयर हाउस, लाजिस्टिक हब, एविएशन हब विकसित किया जाएगा। इसकी तैयारी पहले से ही चल रही है। इसमें हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी डेवलप किया जाएगा। यह पार्क 900 एकड़ में बनेगा। वहीं 120 मीटर रोड को पलवल खुर्जा ले जाएगा।
मजदूरों के लिए बनेंगे आवास
विशेषज्ञ कंपनी ने मास्टर प्लान रिक्रेशलन ग्रीन का भी प्रस्ताव रखा है। इसमें इको टूरिज्म को भी विकसित किया जाएगा। मास्टर प्लान में उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के लिए 2 सेक्टर तय किए गए है। यहां उनके लिए आवास बनाए जाएंगे।