हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह (Sports Minister Sandeep Singh) ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषि सुधार और किसानों के उत्थान के लिए अहम निर्णय लेते हुए किसानों की फसलों की एमएसपी (MSP) पर खरीद करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान (crop loss due to natural calamity) की समय पर भरपाई सुनिश्चित कर रही है। इस प्रकार राज्य सरकार बीज से बाजार तक हर कदम पर किसान के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने गत वर्ष के दौरान किसानों को उनकी फसलों का 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया है। प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों के लिए मुआवजा राशि (compensation amount for crops increased) 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की गई है।
हाल ही में खरीफ-2021 में खराब हुई फसलों के लिए 561 करोड़ रुपये मुआवजा तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhanmantri Fasal Beema Yojna) के तहत लगभग 700 करोड़ रुपये के क्लेम स्वीकृत किए गए हैं। एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है।
खरीफ विपणन सीजन 2021 से बाजरे के लिए भी भावांतर भरपाई योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत 2.40 लाख किसानों को बाजरे की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और औसत बाजार मूल्य के अंतर 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 436 करोड़ रुपये की राशि भावांतर भरपाई योजना में दी गई है।
मशरूम की खेती के लिए 90% अनुदान
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिए भिवानी, नूंह और झज्जर में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे है। मशरूम की खेती के लिए सामान्य किसानों को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
ग्रामीणों की आय का प्रमुख साधन है पशुपालन
वर्ष 2021-22 में फसल विविधीकरण और जल संरक्षण के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना (Mera Pani Meri Virasat Yojna) में एग्रोफोरेस्ट्री (Agro forestry) को भी जोड़ा गया है। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
खेल मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट सीडेड राइस तकनीक अपनाने वाले किसानों को 5 हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया गया। राज्य सरकार पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन ग्रामीणों की आय का एक प्रमुख साधन है।
शहद का उत्पादन 10 गुना बढ़ाना है लक्ष्य
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना (Chief Minister Milk Production Promotion Scheme) के तहत सहकारी दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में दुग्ध संयंत्रों को 37 करोड़ 9 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021 (Haryana Beekeeping Policy-2021) के तहत वर्ष 2030 तक शहद के उत्पादन को 10 गुणा तक बढ़ाने का लक्ष्य है। मधुमक्खी पालन विकास की नीति बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसके तहत कुरूक्षेत्र के रामनगर में हनी ट्रेड सेंटर (Honey trade center) की स्थापना की गई है।