हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राज्य के सभी नेशनल-हाइवे से ‘रोड़ एक्सीडेंट ब्लैक-स्पॉट’ को हटाने के लिए कदम उठाएं ताकि लोगों को उनके जान-माल का नुकसान होने से बचाया जा सके। साथ ही,एक माह में सभी ब्लैक-स्पॉट चिन्हित कर प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करें। प्रदेश के ‘नेशनल हाईवेज पर रोड़ एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट निराकरण’ के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पुलिस महानिदेशक पी.के अग्रवाल, परिवहन आयुक्त अमिताभ ढिल्लो समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दुष्यंत चौटाला की उपस्थिति में जानकारी दी गई कि हालांकि नेशनल हाईवे का निर्माण सभी ‘सेफ्टी इंजीनियरिंग मेजर्स’ को ध्यान में रखकर किया जाता है जिसमें ‘रोड़ सेफ्टी’ का मानक सर्वोच्च स्थान पर रखा जाता है।

इसके बावजूद भी जब कुछ स्थानों पर ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं तो 500 मीटर के एरिया को इकाई मानकर वहां पिछले तीन वर्षों के दौरान हुए एक्सीडेंट का डाटा एकत्रित किया जाता है।

उसके आधार पर ही किसी स्थान को ‘रोड़ एक्सीडेंट ब्लैक-स्पॉट’ की संज्ञा दी जाती है। एक्सीडेंटस की अधिकता के कारण प्रतिवर्ष नेशनल हाइवे द्वारा ‘ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग’ को डाटा भेजा जाता है।

उपमुख्यमंत्री ने हरियाणा पुलिस, परिवहन विभाग तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परस्पर समन्वय स्थापित करके राज्य के सभी नेशनल हाइवेज के ‘रोड़ एक्सीडेंट ब्लैक-स्पॉट’ को चिन्हित करें और प्राथमिक रिपोर्ट बनाकर एक माह में उनके समक्ष प्रस्तुत करें।