आजकल हर कोई प्लास्टिक का यूज कर रहा है। ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं है जो प्लास्टिक की चीजें यूज़ न करता हो। पानी वाली बोतल से लेकर सब्जी वाली थैली हर चीज प्लास्टिक की होती है। बच्चों के खिलौने हो या खाने पीने के पैकेट हर चीज प्लास्टिक की बनी होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सभी प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान सिंगल यूज प्लास्टिक से होता है। इसके नाम से ही पता चल रहा है कि इसे सिर्फ एक ही बार यूज किया जा सकता है। इसके बाद यह केवल पर्यावरण को दूषित करता है और इससे लोगों को ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों की जान के लिए भी खतरा है।
देश-प्रदेश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए कई योजनाएं भी सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। लेकिन फिर भी यह प्लास्टिक बंद नहीं हो रहा मार्केट में यह है धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार ने अब सख्ती कर दी है।

बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत 1 जुलाई से प्लास्टिक की सभी चीजें बंद हो जाएंगी। सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे कान साफ करने वाली प्लास्टिक की स्टिक, गुब्बारों के स्टिक प्लास्टिक के झंडे, कप, गिलास, कटोरी, चम्मच इत्यादि चीजें इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

एडीसी उत्तम सिंह ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। पूरे प्रदेश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जाएगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक से केवल इंसानों को ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी नुकसान पहुंचता है। कई बार तो यह भी देखा गया है कि इसकी वजह से पशुओं को अपनी जान तक गंवानी पड़ गई।

कुछ समय पहले हमारे सामने एक मामला आया था जिसमें एक गाय ने कचरे में पड़े प्लास्टिक की थैलियों में से अपने लिए खाना ढूंढ रही थी। खाने के साथ-साथ उसके पेट में प्लास्टिक के छोटे-छोटे करण कारण भी जाते रहे। फिर कुछ समय बाद वह बीमार होकर मर गई। जब उसका ऑपरेशन किया गया तो उसके पेट से करीब 1 क्विंटल प्लास्टिक निकाला गया।

प्लास्टिक का निर्माण अपने आप में चमत्कार से कम नहीं है। लेकिन आज यह हमारी ही जान का दुश्मन बन बैठी है। प्लास्टिक के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण पशु पक्षी ही नहीं बल्कि यह पृथ्वी भी संकट में दिख रही है। इसका इतने ज्यादा इस्तेमाल लोगों पर भी भारी पड़ सकता है।