हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को एक विधेयक पारित किया गया जिसको लेकर अब इस पर बवाल हो रहा है। कॉन्ग्रेस और बीजेपी के बीच लगभग 1 घंटे तक विधानसभा में बहस चलती रही। जिसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया और उनके जाने के बाद ही यह विधेयक पारित किया गया। बता दें कि यह विधेयक 4 मार्च को लाया गया था और मंगलवार को विधानसभा में चर्चा मिलाया गया।
इस बिल को किसी भी तरह से अनुचित प्रभाव या फिर लालच के जरिए धर्मांतरण करवाने के खिलाफ पारित किया गया है। इसको लेकर कांग्रेस ने विरोध भी जताया है।
यह पहली बार नहीं है जब ऐसा विधेयक पारित किया गया हो इससे पहले भी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इस तरह का विधेयक पारित किया गया था।
इस विधेयक के अनुसार अगर कोई व्यक्ति डिजिटल माध्यम का उपयोग कर लालच बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिवर्तन करवाएगा तो उसे 1 से 5 साल की जेल साथ ही 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना होगा।
इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति शादी के इरादे से अपना धर्म छुपाता है तो उसे भी कम से कम 3 साल की जेल और 3 लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा।
अगर कोई शख्स नाबालिक या महिला अथवा किसी भी अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करता है तो उसे कम से कम 4 साल की सजा सुनाई जाएगी और इसे बढ़ाकर 10 साल और ₹300000 का जुर्माना भी किया जा सकता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सदन में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करता है तो इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर कोई लालच में धोखे से किसी का धर्मांतरण करवाता है तो हमें दिक्कत है।