हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ये नियम लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) दिशानिर्देश, 2016 की अधिसूचना की तिथि से लागू होंगे और पूरे राज्य में लागू होंगे। इन नियमों के तहत हर पांच साल में लकड़ी आधारित उद्योगों के लिए लकड़ी की उपलब्धता का आंकलन करने, विभिन्न कच्चे माल की मात्रा का आंकलन करने के लिए, लकड़ी आधारित उद्योग के लिए सामग्री की आवश्यकता, जिसे राज्य में वन क्षेत्रों के बाहर के पेड़ों से स्थायी रूप से काटा जा सकता है।
राज्य में घरेलू बाजारों में लकड़ी और अन्य वन उपज की वार्षिक आवश्यकता का आंकलन करने सहित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि सहित आठ सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।

इसके अलावा, समिति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य में स्थापित और संचालित करने हेतू अनुमत प्रत्येक लकड़ी आधारित उद्योग द्वारा उपयोग की जाने वाली लकड़ी और अन्य कच्चे माल का एक डेटाबेस भी बनाए रखेगी और लकड़ी आधारित उद्योग की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थानों को मंजूरी देगी।

समिति नए पंजीकरण प्रमाण पत्र, मौजूदा लाइसेंस क्षमता में वृद्धि, इकाइयों के हस्तांतरण, स्वामित्व में परिवर्तन या लाइसेंस/पंजीकरण से संबंधित किसी भी अन्य मुद्दे को मंजूरी देगी, यदि समिति यह पाती है कि लकड़ी उक्त लकड़ी आधारित उद्योगों के लिए कानूनी रूप से उपलब्ध है।

समिति समय-समय पर लाइसेंस, पंजीकरण और हरित शुल्क प्रदान करने हेतू विभिन्न शुल्क के संबंध में राज्य सरकार को सिफारिशें/अनुशंसा भी भेजेगी।

इन नियमों के नियम-6 के प्रावधानों के अनुसार फर्नीचर निर्माण इकाइयां, लकड़ी के खिलौने और हस्तशिल्प, फाइरवुड डिपों इत्यादि को इन नियमों मे छूट दी जाएगी।