आज के समय में हर कोई नारी सशक्तिकरण की बात कर रहा है हर कोई नारी के उत्थान के लिए सोच रहा है लेकिन सोचना ही काफी नहीं है। नारी सशक्तिकरण के लिए, नारी के उत्थान के लिए बातें तो सब करते हैं बहुत कम लोग इसके लिए कुछ कदम उठाते हैं। उन्हीं में से एक हैं कमलप्रीत कौर, जो आज नारी सशक्तीकरण की बड़ी मिसाल बनी हैं। एक तरफ निर्यात के कारोबार को कमल की खुशबू की तरह फैलाया, वहीं दूसरी ओर बस्ती के बच्चों की जिंदगी में भी बदलाव लाईं। जिन बच्चों को पढ़ना नहीं आता था। वे अपना नाम लिखने लगे, स्कूल जाने लगे।
बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हर समय तैयार रहती हैं। आज आपको मिलवाते हैं साहिब इंटरनेशनल की निदेशक कमलप्रीत से। करीब 17 साल पहले निजी स्कूल में पढ़ाती थीं। पति देवेंद्र नौकरी करते थे। दोनों ने अपना कारोबार शुरू करने की ठानी।

कमलप्रीत ने स्कूल की नौकरी छोड़ टेक्सटाइल निर्यात कारोबार में प्रोडक्शन और मार्केटिंग देखने लगीं। अपनी कंपनी के लिए सैंपलिंग भी करातीं। इसका असर ये हुआ कि उन्हीं सैंपलिंग के आर्डर भी मिलने लगे।
कमलप्रीत ने तय किया कि लड़कियों को नौकरी में प्राथमिकता देंगी। उनकी कंपनी में एक लड़की ही डिजाइन हेड है। स्कूल में पढ़ाती थीं। इस वजह से बच्चों को पढ़ाने का जज्बा पहले से ही था।

कमलप्रीत इस बार कमाने के लिए नहीं, बल्कि जरूरतमंदों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य के साथ आई। सेक्टर 24 की बस्ती में जाने लगीं। यहां कचरा बीनने वाले बच्चों को पढ़ाने लगीं। इन्हीं में से पांच से ज्यादा बच्चे अब स्कूल जाने लगे हैं। कच्चा कैंप की दो बच्चियों की फीस खुद भरती हैं।

कमलप्रीत ने कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ाने के अवसर दिए जाने चाहिए। इस वजह से कंपनी में वह लड़कियों को रखती हैं। उनकी कंपनी में पचास से ज्यादा लड़कियां हैं। महिलाएं अगर चाहें तो घर के साथ कारोबार भी संभाल सकती हैं। उनका एक बेटा सरताज और बेटी सुशनीत कौर है। दोनों के साथ पति के साथ कारोबार को भी आगे बढ़ाया।