हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुओं के जीवन प्रकाश व बलिदानों की गौरव गाथा को आमजन तक पहुंचाने के लिए संग्रहालय बनवाने की घोषणा की। 24 अप्रैल को सीएम ने पानीपत में हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव को धूमधाम से मनाने को लेकर आज डेरा कार सेवा कलंदरी गेट करनाल में एक बैठक में उपस्थित साध-संगत को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुगल शासकों ने देशवासियों पर बड़े अत्याचार किए, इन अत्याचारों से मुक्ति दिलवाने में गुरुओं के बलिदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आजादी के 50-60 वर्ष बीत जाने के बाद भी विपक्ष की सरकारों ने गुरुओं के बलिदान, संत-महात्माओं, ऋषि-मुनियों की विचारधारा को युवा पीढ़ी तक नहीं पहुंचाया। लेकिन वर्तमान हरियाणा सरकार ने संत महापुरूष विचार प्रसार योजना चलाई है, जिसके तहत महापुरूषों और गुरुओं की जयंती मनाने की एक परम्परा शुरू की है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने जिला व राज्य स्तर पर संत महात्माओं, गुरुओं व देशभक्तो की जयंती को मनाने की शुरूआत की है। इनमें महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास, संत कबीरदास तथा संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेेडकर की जयंती सरकारी तौर पर मनाई गई।
इसी श्रृंखला में श्री गुरु नानक देव जी की जयंती, श्री गुरु गोबिंद जी का 350वां साला प्रकाश पर्व और अब हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 400वां प्रकाश पर्व 24 अप्रैल को पानीपत में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महापुरूषों व गुरुओं की जयंती मनाने का उद्देश्य उनकी विचारधारा को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है, ताकि उनमें भी समाज सेवा व राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय के मुगल शासकों ने कश्मीरी हिंदुओं को धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा कि यदि अपना धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म नहीं अपनाया तो मार दिए जाओगे। तब श्री गुरु तेग बहादुर जी कश्मीर गए और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया।
इस अवसर पर खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह, सांसद संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम, घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण, मेयर रेनू बाला गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।