हरियाणा में बच्चे तो बच्चे बूढ़े भी अपना दमखम दिखाने में पीछे नहीं रहते। इनका करतब देख हर कोई हैरान रह गया। इनको देख यह ख्याल आ रहा है जैसे महाभारत का भीम करतब दिखा रहा हो। साल 1916 में जन्मे हरियाणा के एक बुजुर्ग रामजीत राघव को दुनिया में सबसे बूढ़ा पिता होने का खिताब भी मिल चुका है। अपनी जवानी के दिनों में वह कुश्ती लड़ा करते थे और बड़े-बड़े पहलवानों को जबरदस्त पटकनी देते थे। 94 साल की उम्र में वह एक बेटे के और 96 साल की उम्र में दूसरे बेटे के पिता बने। परदादा बनने की उम्र में जब वह बाप बने तो यह खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गई।
उन्होंने बताया कि अपनी जवानी के दिनों में खानपान पर विशेष ध्यान रखते थे मैदान पर कुश्ती लड़ने से पहले वेदोस 3 किलो दूध और आधा किलो बादाम नियमित खाया करते थे इसके साथ ही दिन भर में करीब आधा किलो खाया करते थे।
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उन्होंने खानपान में राजस्थान के किसान नानू राम जोगी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। नानू राम ने 90 साल की उम्र में बाप बनने का रिकॉर्ड बनाया था। आज रामजीत राघव का परिवार गरीबी की मार झेल रहा है। अब उनका जीवन केवल बुजुर्गों को मिलने वाले पेंशन के सहारे कट रहा है।
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कुछ समय पहले कुरुक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान 70 साल के दो बुजुर्गों ने हरियाणवी पंडाल में बैलगाड़ी के 80-80 किलो के दो पहियों को उठाकर हवा में लहरा दिया था। उनके इस करतब ने लोगों का मन मोह लिया था। बुजुर्गों का शौर्य प्रदर्शन देख पंडाल तालियों से गूंज उठा था। यह दोनों बुजुर्ग गांव लोदर के छाज्जू राम और टेकराम है।
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यह करतब पंडाल में तीसरे दिन भीड़ में से उठकर आये दो बुजुर्गों ने दिखाया था। इनका शौर्य प्रदर्शन पंडाल तालियों की आवाज से गूंज उठा। मौजूद भीड़ ने भी बुजुर्गों का उत्साह बढ़ाया। इस मौके पर दोनों बुजुर्गों को मंच पर सम्मानित भी किया गया।
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जब बुजुर्गों से इस उम्र में उनकी ताकत का राज पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बचपन में उन्होंने देसी घी बहुत खाया है। देसी खाना इसका खास राज है। देसां म्ह देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा, यदि किसी को देखना है तो उनको हरियाणा पंडाल में आ जाना चाहिए।