दूरदराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार जल्द नई नीति तैयार करेगी। स्वास्थ्य सेवाओं को आने वाले बजट में प्राथमिकता दी जाएगी। सरकारी, निजी डाक्टरों व अन्य प्रतिनिधियों के अच्छे सुझावों को बजट में शामिल करेंगे। वे अपने सुझाव या जानकारी ई-मेल या पत्र से भेज सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ये बातें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम व आयुषमान भारत योजना के संचालन से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य जगत की बड़ी हस्तियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहीं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अंबाला से वीसी के जरिए जुडे़ और अपने विचार रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में नागरिक अस्पतालों में नागरिकों को ज्यादा व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सुझावों पर ज्यादा बल दिया जाएगा। विज ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए तीन बिंदुओं की प्राथमिकता होती है, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और सुदृढ़ अवसरंचना शामिल हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब मुख्यमंत्री ने बजट से पूर्व इस प्रकार की चर्चा व विचार-विमर्श किया। 2014 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 1500 करोड़ था, जो अब बढ़कर 6500 करोड़ रुपये हो चुका है। पीजीआईएमएम, रोहतक में अनुसंधान के कार्य पर बल दिया जाएगा।
विशेषज्ञों ने रखे विचार
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ी प्राथमिकता दें। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक स्वास्थ्य के बजट को राज्य सरकारों के लिए कुल बजट का 8 प्रतिशत निर्धारित करने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा का स्वास्थ्य बजट वर्तमान में कुल बजट का 5.1 प्रतिशत है। यह अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अच्छे प्रतिशत में है।
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एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हरियाणा ने अन्य राज्यों के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है। हमें नागरिकों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं देने की ओर बढ़ना होगा। गुलेरिया ने हेल्थ सर्विलांस, प्रशिक्षण, अनुसंधान के अलावा अन्य क्षेत्रों में काम करने का सुझाव भी दिया।