रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो अगर आप कुछ करने के लिए जुनूनी हो तो मंजिल आपको मिल जाएगी, तो शायद इसी जुनूनी की वजह से रंजना ने अपना मंजिल खुद बनाया। रंजना ने उत्तर प्रदेश के आगरा में विधिवानी पर्ल फार्मिंग नाम से एक स्टार्ट-अप शुरू किया है। करीब तीन साल पहले रंजना ने फॉरेस्ट्री में एमएससी की पढ़ाई पूरी की थी और इसके फौरन बाद ही वह पर्ल फार्मिंग यानी की मोती की खेती की ओर आकर्षित हो गई थीं।
रंजना ने अपने लिए एक ऐसा व्यवसाय चुना, जिसके बारे में उनके आसपास के लोग न तो जानते थे, न ही इसे मुनाफे का कारोबार मानते थे। परिवार भी रंजना के साथ नहीं खड़ा था।
इन तमाम बाधाओं के बावजूद रंजना पीछे नहीं हटीं और मोती की खेती करने के अपने फैसले पर अडिग रहीं। परिवार को मनाने के लिए उन्होंने सबसे पहले अपने घर में ही बाथटब में मोती की खेती करने का फैसला किया।
एक साल की मेहनत के बाद उन्होंने वह कर दिखाया, जिसका उन्होंने सपना देखा था। बाथटब जैसी छोटी जगह पर ही उन्होंने मोती की खेती कर 80 हजार रुपये की आमदनी की तो परिवार को भी उनके हौसले पर भरोसा हो गया।
मोती की खेती में और भी ज़्यादा सफलता पाने के लिए रंजना ने ट्रेनिंग के लिए भुवनेश्वर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर में एक क्रैश कोर्स में एडमिशन ले लिया और मोती की खेती से जुड़ी और भी जानकारियाँ हासिल की।
आपको बता दे कि भुवनेश्वर से अपनी कोर्स पूरी करने के बाद रंजना ने अपने पिता से आज्ञा लेने के बाद अपने पैतृक घर आगरा में ही (जहाँ अच्छी खासी ज़मीन खाली थी) , वही मोती की खेती करने का फ़ैसला किया।
सबसे पहले उन्होंने घर के आंगन में ही 14×14 ज़मीन खुदवा कर तालाब बनवाया और अहमदाबाद से 2 हज़ार सीप ख़रीदीं और इस तरह इन्होंने विधिवानी पर्ल फार्मिंग स्टार्टअप की शुरुआत की। इसी के साथ बन गई अपने घर की पहली बिजनेसविमेन।