फसलों की कटाई पहले हाथों से की जाती थी पूरा परिवार इसमें मदद करता था लेकिन अब जैसे जैसे तकनीकी युग आ रहा है, हर काम मशीन से होने लगे हैं। डबवाली के गांव फूलेवाला से फसल की कटाई को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। फसल की कटाई के लिए अधिकतर किसान मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। तकरीबन गेहूं कंबाइन की मद्द से निकाली जाती है। आज के समय में ऐसे किसान एक आध ही होंगे जो खुद गेहूं की कटाई करता है। गांव फूलेवाला में सुखदेव सिंह ने शर्त लगाकर गेहूं की कटाई कर, साढे पांच लाख रुपये जीत लिए।
बता दें कि गांव के ही सुखदेव सिंह और हरजीत सिंह एक विवाह के कार्यक्रम के दौरान बैठे थे और साथ में अन्य लोग भी थे। इस दौरान गेहूं की कटाई का जिक्र हुआ। सुखदेव सिंह पेशे से डॉक्टरी का काम करते हैं। इसलिए हरजीत ने कहा कि अगर सुखदेव एक कनाल भी गेहूं की कटाई कर दे तो वो मान जाएंगे।

इसके बाद सुखदेव ने गेहूं की कटाई की हामी भर ली। शर्त ये लगी की अगर सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक सुखदेव एक कनाल गेहूं की कटाई कर देता है तो उसे 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसी दौरान वहां मोगा का रहने वाला जगमीत सिंह भी आ गया। उसने कहा की अगर पांच बजे तक कटाई कर दी तो वो भी पांच लाख रुपये देंगे। इसके बाद अगले दिन पहले एक कनाल जगह की पैमाइश की गई और टाइम नोट कर सुखदेव को गेहूं काटने को कहा गया। सुखदेव सिंह ने सुबह साढे सात बजे गेहूं काटनी शुरू की और बिना रूके दोपहर तीन बजे तक पूरी गेहूं काट दी।
ग्रामीण भी थे खेत में मौजूद

कटाई के दौरान खेत में सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। जब सुखदेव सिंह ने पूरी गेहूं काट दी तो ढोल वाले को बुलाया गया। फिर फूलमाला पहनाकर सुखदेव को गांव लाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें भी नहीं लगता था कि सुखदेव ये शर्त जीत जाएगा क्योंकि सुखदेव ने पहले खेती नहीं की है वो गांव में ही डॉक्टरी का काम करते हैं।

शर्त जीतने के बाद सुखदेव को चेक के रूप में मौके पर ही साढे पांच लाख रुपये दिए गए। जब उनसे पूछा गया कि वो इन पैसों का क्या करेंगे तो उन्होंने कहा कि वो इन पैसों से ट्रैक्टर लेकर आएंगे।
भाई को था यह डर

सुखदेव सिंह के भाई ने कहा की उसे डर था कि सुखदेव शर्त हार जाएगा। इसलिए वो खेत में भी नहीं आया। क्योंकि सुखदेव ने पहले खेती का काम नहीं किया है। लेकिन जब उन्हें फोन कर बताया कि सुखदेव शर्त जीत गया है। इसके बाद वो खेत में आए और सुखदेव का फूल माला पहनाकर स्वागत किया।