इन दिनों कॉटन और कॉटन यार्न, पॉलिस्टर यार्न के भाव काफी तेज चल रहे हैं। अब तक कपड़ो में 20 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की जा चुकी है। लेकिन गेहूं का सीजन भरपूर होने के कारण बाजार अच्छा चलने की संभावना है। फिलहाल गेहूं कटाई और मंडियों में गेहूं की आवक चल रही है। इस बार भाव भी पहले से अधिक मिल रहा है। निजी एजेंसी गेहूं की खरीद अधिक भाव में कर रही है। इससे किसानों के हाथों में पैसा आना शुरू हो गया है। किसानों के पास पैसे आने के साथ ही बाजार में रौनक आना स्वाभाविक है। कपड़े की मांग बढ़ेगी।
जवाहर क्लॉथ मार्केट के कपड़ा कारोबारी दर्शन बवेजा ने बताया कि इस बार महंगाई बहुत ज्यादा है। यह सब महंगाई का असर है कि कॉटन, कॉटन यार्न और पॉलिस्टर यार्न के भाव में बढ़ोतरी हुई है। इस कारण तैयार कपड़े के भाव में 20 फ़ीसदी तक तेजी दर्ज की जा चुकी है। अब ₹300 वाले लेडीस सूट का भाव ₹400 तक पहुंच गया है और यह वृद्धि होली के बाद से दर्ज की गई है।

करीब 10-15 दिन तक कपड़े का सीजन चलने वाला है लेकिन खरीदार डरे हुए हैं। भाव अधिक बढ़ने के कारण उन्हें चिंता सता रही है कि कहीं भाव दोबारा कम ना हो जाएं। इससे उनका काफी ज्यादा नुकसान होगा। 10 थान कपड़ा खरीदने वाले अब 5 थान ही खरीद रहे हैं।

इन दिनों कपड़े का सीजन चल रहा है। गेहूं की आवक होने के साथ-साथ किसानों के हाथों में रकम आ जाती है। पैसे आने पर बाजार में मांग भी बढ़ जाती है। हैंडलूम उद्योगों की मांग भी निकल रही है। इस बार मंदिरों में नवरात्र के दौरान अच्छी खासी रौनक रही और वहीं बाजारों में भी खरीदारी अच्छी चली।

हैंडलूम कारोबारी जोगेंद्र नरूला का कहना है कि इन दिनों दूसरे प्रदेशों से बेडशीट, टेप्सटरी बाथ मैट, टावल की मांग ज्यादा है। पहले मंदे भाव का जो स्टॉक था वह बिक रहा था लेकिन वर्तमान में भाव बढ़ने से माल बेचने में थोड़ी परेशानी आ रही है। कपड़ों का भाव अपेक्षा से अधिक बढ़ गया है और खरीदने वालों को यह चिंता सता रही है कि कहीं भाव दोबारा घट ना जाएं। इसलिए सब जरूरत के अनुसार ही खरीदी कर रहे हैं।

स्टॉक के लिए इन दिनों कंबल की मिलें चल पड़ती थी। लेकिन पॉलिस्टर यार्न के धागों के भाव बिगड़ने से अभी तक मिलो में प्रोडक्शन शुरू नहीं हो पाया है। साल का चौथा महीना आधा बीत चुका है लेकिन अभी तक मिले बंद पड़ी हैं।