दिल्ली एनसीआर और हरियाणा (Haryana) का हर व्यक्ति एक बार वाइल्ड लाइफ सफारी का आनंद लेना चाहता है। अलग-अलग पशुओं को देखना चाहता है, इनके बीच समय बिताना चाहता है लेकिन इसके लिए उनको दूर जाना पड़ता है। कई लोग तो वाइल्डलाइफ सफारी के लिए नैनीताल या विदेश भी चले जाते हैं लेकिन अब उन्हें विदेश या कहीं और जाने की जरूरत नहीं है अब इसका आनंद वह हरियाणा में आसानी से ले सकते हैं क्योंकि केंद्र सरकार दिल्ली (Delhi) के नजदीक अरावली की पहाड़ियों (Aravali Hills) में एक नया वन्यजीव सफारी पार्क (Wildlife Safari park) विकसित करने जा रही है और इसकी योजना भी तैयार हो चुकी है।
खुद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इसकी निगरानी कर रहे हैं। असल में इस परियोजना की परिकल्पना भी उन्हीं की है। अभी तक हरियाणा, दिल्ली तथा एनसीआर के लोग वन्यजीव रोमांच के लिए नैनिताल के नजदीक जिम कार्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में जाते हैं।
भूपेंद्र यादव का कहना है कि एक नेशनल पार्क में रोमांच के लिए जो भी चीजें होती हैं, उससे ज्यादा तो अरावली की पहाड़ियों में है। हाथी की छोड़कर अरावली की पहाड़ियों में सभी प्रकार के वन्यजीव रहते हैं। वन के साथ पहाड़ियां हैं। अवैध खनन के बाद पहाड़ों पर बनी आकर्षक कृत्रिम झील भी हैं। कुछ वन्यजीव जोड़े और घूमने आने वालों के लिए एक सुरक्षित रास्ता बनाने के साथ ही यहां वन्यजीव सफारी पार्क विकसित हो जाएगा।
अरावली की पहाड़ियां राजस्थान के माउंट आबू से गुजरात हरियाणा और दक्षिण दिल्ली में खत्म होती है, यह पहाड़ियां 692 किलोमीटर लंबी है। दिल्ली के अलावा इन पहाड़ियों के लिए हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और राजस्थान के अलवर क्षेत्र से भी आवागमन का रास्ता है। बता दें कि माउंट आबू में अरावली की 1722 मीटर ऊंची पहाड़ी गुरुशिखर है।
धीरे-धीरे होगा अरावली सफारी पार्क का विस्तार
अरावली की पहाड़ियों में वन्यजीव सफारी पार्क का विस्तार आसानी से किया जा सकता है। क्योंकि यहां हर वो चीज है जो एक सफारी पार्क में होती है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव चाहते हैं कि इसे कुछ चरणों में विकसित किया जाए। इसकी शुरूआत दिल्ली के नजदीक फरीदाबाद या गुरुग्राम से लगती अरावली की पहाड़ियों से की जाएगी।
सफारी पार्क बनने से अरावली का संरक्षण भी होगा। लोगों को वन्यजीव जंतुओं की रोमांचक गतिविधियों को भी देखने का मौका मिलेगा और इसीलिए यादव ने सबसे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है।
आजिविका के नए साधन होंगे उपलब्ध
यादव का मानना है कि इससे गुरुग्राम फरीदाबाद के लोगों के लिए आजीविका के साधन बढ़ेंगे। अभी तक लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहाड़ों में खनन कार्य बंद होने से परेशान थे, लेकिन अब यही पहाड़-जंगल उन्हें आजीविका के नए साधन उपलब्ध कराएगा। इससे निश्चित तौर पर अरावली के संरक्षण में भी सहायता मिलेगी।
जिम कार्बेट से बेहतर साबित हो सकता है अरावली सफारी पार्क
अभी तक दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए नैनीताल का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क डेस्टिनेशन वेडिंग का हब बना हुआ है। यदि बेहतर कनेक्टिविटी बात की जाए तो अरावली वन्यजीव सफारी पार्क जिम कॉर्बेट से भी ज्यादा बेहतर डेस्टिनेशन वेडिंग प्वाइंट साबित हो सकता है। यहां पहले से ही अरावली की पहाड़ियों के बीच पांच सितारा होटल राजहंस (Rajhans) , सूरजकुंड पर्यटन क्षेत्र विकसित है।