अभी तो हरियाणा में गर्मी अच्छे से नहीं आई है और बिजली संकट पैदा हो गया। इस बार इससे पार पाना हरियाणा सरकार के लिए काफी मुश्किल है। अडानी और टाटा के एग्रीमेंट के बावजूद बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो पाई। वहीं दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़े कोयले के दामों की वजह से नई दरों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसको देखते हुए हरियाणा में कोयले का संकट भी पैदा हो सकता है। फिलहाल हरियाणा सरकार के पास केवल 15 दिन का ही कोयले का स्टॉक बचा हुआ है। अगर कुछ दिनों में इसकी आपूर्ति नहीं हुई तो बिजली संकट और भी ज्यादा गहरा सकता है।
इस समय प्रदेश में 8 हजार मेगावाट बिजली की मांग प्रतिदिन चल रही है और इसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने अपने सभी पावर प्लांटों को चालू कर दिया है। इनमें पानीपत की तीनों इकाई, यमुनानगर की दोनों और खेदड़ की एक यूनिट को चलाया गया।
इनको सुचारू रूप से चलाने के लिए रोजाना 15 रैक कोयले की जरूरत होती है लेकिन हरियाणा को केवल 10 रैक ही मिल रहे हैं। ऐसे में पहले स्टॉक कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर यही स्थिति रही तो प्रदेश में केवल 15 दिन का कोयला स्टॉक बाकी है। इसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार ने केंद्रीय बिजली मंत्री को कोयला आपूर्ति बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है।
गुजरात की तर्ज पर हरियाणा से नई दरें चाह रही कंपनी
बता दें कि गुजरात की तर्ज पर अडानी कंपनी हरियाणा से नई बिजली दरें चाहती है कंपनी ने प्रदेश सरकार को 3.40 रुपये की बजाए 6.25 रुपये प्रति यूनिट की नई दरों का प्रस्ताव दिया है। लेकिन पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत यह संभव नहीं है। कंपनी का कहना है कि विदेशी कोयला महंगा होने की वजह से उन्हें हजारों करोड़ों का घाटा हुआ है और इसलिए उन्होंने प्लांट्स बंद कर दिए हैं।
विदेशी कोयले की बढ़ी कीमतों के लिए सरकार अतिरिक्त चार्ज दे, इसके बाद ही बिजली सप्लाई शुरू हो पाएगी। कंपनी का कहना है कि गुजरात सरकार ने भी नई दरें लागू कर दी हैं। फिलहाल कंपनी हरियाणा सरकार से कम से कम रेट के लिए मोल भाव कर रही है। बता दें कि अडानी से 1424 मेगावाट और टाटा की कंपनी से 500 मेगावाट बिजली का करार है।
इस समय चल रहीं हैं यह यूनिटें
पानीपत थर्मल प्लांट
- यूनिट 6 -210 मेगावाट
- यूनिट 7- 250
- यूनिट 8 -250
दीनबंधु छोटूराम यमुनानगर प्लांट
- यूनिट 1-300
- यूनिट 2- 300
राजीव गांधी थर्मल प्लांट खेदड़ हिसार
- यूनिट 1- 600
- डब्ल्यूवाईसी हाईडल 62.4 मेगावाट
- सोलर पावर प्लांट पानीपत : 10 मेगावाट
- शेष बिजली केंद्रीय पुल से 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जा रही है।
10 प्रतिशत तक विदेशी कोयला खरीदेगी सरकार
कोयले की कमी को लेकर हरियाणा सरकार इस बार कुल खपत का 10 प्रतिशत तक विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी में है। पहले यह चार प्रतिशत था, लेकिन केंद्रीय मंत्रालय के निर्देशों के बाद इसे अधिक किया गया है। यह घरेलू कोयले से महंगा होता है, लेकिन इसकी गुणवत्ता अच्छी होती है। इसके लिए प्रदेश सरकार टेंडर निकालने जा रही है ताकि गर्मी के पीक सीजन में प्रदेश को कोयले की कमी का सामना न करना पड़े।
हरियाणा सरकार कोयले की कमी को लेकर इस बार कुल खपत का 10 प्रतिशत तक विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी में है। पहले यह 4 प्रतिशत था, लेकिन केंद्रीय मंत्रालय के निर्देशों के बाद इसे बढ़ा दिया गया। यह कोयला घरेलू कोयले से काफी महंगा होता है। लेकिन इसकी क्वालिटी काफी अच्छी होती है और इसके लिए प्रदेश सरकार टेंडर भी निकालने जा रही है। ताकि गर्मी के पीक सीजन में प्रदेश को कोयले की कमी का सामना ना करना पड़े और ना ही बिजली संकट हो।
बिजली विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि कोयले की आपूर्ति के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय को पत्र लिखा है। हरियाणा सरकार हर लिहाज से तैयारी कर रही है। जहां तक बात है अडानी और टाटा कंपनी से बिजली सुचारू कराने की तो इसको लेकर फिलहाल मोलभाव चल रहा है और जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।