हरियाणा में ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (DRIISHYA) के तत्वावधान में एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा। यह संस्थान दृश्या और अन्य संगठनों के कर्मियों की विभिन्न प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई दृश्या के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की दूसरी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि हरियाणा यूएवी संचालित गवर्नेंस एप्लिकेशन को तीव्र गति प्रदान करने के लिए एक अलग निगम बनाने वाला पहला राज्य है।
मनोहर लाल ने कहा कि दृश्या की स्थापना राज्य में एक अनूठी शुरुआत है, क्योंकि अब ड्रोन की मदद से क्षेत्र के विस्तार का पता लगाने के साथ-साथ अवैध अतिक्रमणों को भी नियंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि पहले समय समय पर मैन्युअल सर्वेक्षण किए जाते थे, जिनमें बहुत समय लगता था और अधिक मैनपॉवर की आवश्यकता के साथ साथ खर्चीले होते थे।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण और इमेजिंग कार्य का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व विभाग के अलावा शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, आपदा प्रबंधन, खनन, वन यातायात, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, कृषि जैसे अन्य विभागों में भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
इससे शहरी क्षेत्रों में मानचित्रण, भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं, विकास की योजनाओं में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री को विभिन्न श्रेणियों और सेंसरों के ड्रोन की खरीद से भी अवगत कराया गया। बैठक में बताया गया कि विदेशों से ड्रोन के आयात पर लगे प्रतिबंध के कारण खरीद में देरी हुई है।
मुख्य सचिव संजीव कौशल, विद्युत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता, ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीएल सत्यप्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इनके अलावा, नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।