उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश के सभी उद्योगों के कैमिकल स्टोरेज में अग्निशमन व गैस रिसाव से संबंधित सुरक्षा उपायों की जांच करें और इस संबंध में एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) भी तैयार करें। संबंधित उद्योग अगले 60 दिन में अपनी सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें और उसके बाद औचक निरीक्षण कर जांच आरंभ कर दें। डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां श्रम विभाग,उद्योग एवं वाणिज्य तथा अग्निशमन सेवाएं निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी जिलों में सूचना भेज दें कि जिन उद्योगों के पास किसी ईंधन या कैमिकल का स्टोरेज है तो वे विभाग के पोर्टल पर अगले 60 दिन में जानकारी अपलोड कर दें और साथ ही आगामी अग्निशमन सेवाएं निदेशालय से अग्निशमन की एनओसी लेना सुनिश्चित करें। कैमिकल स्टोरेज के लिए प्रमाणिकरण करवाना भी आवश्यक है।

उन्होंने शॉर्ट सर्किट से खेतों में फसलों में आग लगने व दुकानों में सामान जलने के बढ़ते मामलों में बिजली विभाग के अधिकारियों को उक्त घटनाओं की जांच करने व भविष्य में रोक लगाने के लिए ऐहतियात कदम उठाने के निर्देश दिए।

उन्होंने हाल ही में सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट में जहरीली गैस के कारण मजदूरों की जान चली जाने पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में श्रम विभाग द्वारा एसओपी बनाई जानी चाहिए ताकि सिवरेज में सफाई आदि कार्य करने के लिए नीचे उतरने वाले मजदूरों को ऑक्सीजन सिलेंडर या अन्य उपकरण मुहैया करवाए जाएं।

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि उक्त मामलों से संबंधित उद्योग अगले 60 दिन में अपनी सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें और उसके बाद औचक निरीक्षण कर जांच आरंभ कर दें।
बैठक में श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार, अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक अशोक मीणा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।