हरियाणा सरकार द्वारा बुजुर्गों को सहायता राशि प्रदान की जाती थी। हरियाणा ने अपने मौजूदा बजट में 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक बुजुर्ग व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने का वादा किया है। अब सरकार ने इसके लिए बनाए गए नियम भी जारी कर दिए हैं। नियम 6 में उल्लिखित अपात्रता की कुछ श्रेणियां हैं जो 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी इस पेंशन के हकदार नहीं होंगे। इनमें वे जोड़े शामिल हैं जो सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन ले रहे हैं और जो आय भर रहे हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि पति-पत्नी में से किसी एक को सरकारी सेवा पेंशन मिल रही है तो उसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जाएगी। वहीं अगर पति-पत्नी में से कोई एक आयकर दाता है तो उसे भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जाएगी। इन दो वर्गों को छोड़कर अन्य सभी वर्गों को पेंशन देने की बात कही गई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जरूरतमंदों को हर महीने सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिले, इसी मंशा से सरकार ने यह योजना शुरू की है। सरकार ने इसके लिए एक हलफनामा भी जारी किया है, जिसे पेंशनभोगी को खुद भरकर और हस्ताक्षर करके देना होगा। इसमें साफ लिखा है कि अगर वह गलत जानकारी देता है तो उसके लिए वह दोषी होगा।
जानिए कितनी मिलेगी पेंशन
60 से 69 आयु वर्ग के बुजुर्ग पुरुषों और 60 से 64 आयु वर्ग की बुजुर्ग महिलाओं को 1000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। 65 से 69 वर्ष की आयु की वृद्ध महिलाओं को 1150 रुपये पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को 1700 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
विधवा/ परित्यक्त/एकांगी महिला एवं 40 से 69 प्रतिशत निःशक्तता वाले व्यक्तियों को 1150 प्रतिमाह, जबकि 70 प्रतिशत या इससे अधिक निःशक्त व्यक्तियों को 1700 प्रतिमाह की दर से पेंशन मिलेगी। ट्रांसजेंडर पेंशनरों को कुष्ठ पुनर्वास भत्ता और 1000 प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। यह पेंशन 1 अप्रैल 2022 से देय होगी।