भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाली प्रोत्साहन या नीतियों के साथ ही इसके बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के बाद, ईवी को ध्यान में रखकर बनाई गई सरकारी नीतियों के कारण ईवी स्टार्टअप में भी उछाल देखा गया है। बीते कुछ समय के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। खासतौर पर लॉकडाउन के बाद निजी वाहन से यात्रा करने और साथ ही पैसों की बचत करने के महत्व को बढ़ावा मिला है।
इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 20 फीसदी तक बढ़ी है। कारण लॉकडाउन के बाद हर कोई अपने वाहन से सफ़र करने की चाहत रखता है। पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप नेक्सज़ू ई-साइकिल उन ग्राहकों को लक्षित कर रहा है जो एक अधिक टिकाऊ जीवन शैली में बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, वह है नेक्सज़ू ई-साइकिल। यह ई-साइकिल और ई-स्कूटर बेचता है और 2015 में अतुल्य मित्तल द्वारा शुरू किया गया था।
एक इंटरव्यू के दौरान अतुल्य ने बताया कि कैसे उनके इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल न केवल सस्ते लागत के कारण मालिकों को लाभ पहुंचाते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
अतुल्य बताते हैं कि जब एक बार एक अपनी कंपनी ‘पापा जाॅन इंडिया’ के लिए पिज्जा डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर या साइकिल ढूँढने गए तो कहीं नहीं मिली, तो उन्हें बड़ा दुख हुआ
इसी बात को समझते हुए अतुल्य मित्तल ने सोचा क्यों ना एक ई-साइकिल की कंपनी बनाई जाए। जो कि लोगों के लिए कम क़ीमत में ई-साइकिल उपलब्ध करवाए। उन्होंने आगे चलकर इसी स्टार्टअप पर दांव लगाया।
जो कि पिछले एक-दो साल से बेहद तेजी पर है। आपको बता दे कि ई-साइकिल 26-इंच नायलॉन टायर और 250-वाट, 36-वोल्ट ब्रशलेस डीसी मोटर के साथ आती है। इलेक्ट्रिक साइकिल के 2 वैरिएंट हैं – रोडलार्क और रोमपस +। दोनों वैरिएंट 750 चार्ज के जीवन चक्र के साथ एक पूर्ण शुल्क के लिए 3 घंटे से 4 घंटे लगते हैं।
जबकि रोमपस + एक सिंगल चार्ज पर 30 किमी तक चल सकता है, रोडलार्क 80 किमी से अधिक तक जा सकता है। ख़ास बात ये है कि इन दोनों ही साइकिलों में पैडल मोड भी मिलता है। यदि चाहो तो बैटरी की बजाय पैडल से भी चला सकते हैं।