हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पास चंडीगढ़ और करनाल में दो लैब हैं। इसके अलावा, पांच और नई लैब खोलने का प्रावधान किया जा रहा है जो गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, अंबाला और रोहतक में आधुनिक संसाधनों सहित खोली जाएंगी। विज आज पंचकूला में खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के कार्यालय के भवन का शिलान्यास अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि लोगों को स्वच्छ खाने पीने की चीजें मिलें, मिलावट रहित सामान मिले, औषधियों में शुद्धता हो, इसको देखने के लिए स्वास्थ्य विभाग से अलग हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का गठन किया गया।

उन्होंने कहा कि हमारे पास मोबाइल वैन है जो 20 रुपये में दूध का टेस्ट करके उसका परिणाम बताती है। ऐसे ही हम खाने पीने की चीजों का टेस्ट करने के लिए और मोबाइल वैन भी लेने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एफडीए विभाग ने हाल ही में सोनीपत में पांच जगह छापे मारकर आयुर्वेदिक की कोटे को खुली मार्केट में बेच देने वाली फर्मों पर शिकंजा कसा है क्योंकि ये फर्म दवाइयां बनाने के नाम पर अतिरिक्त कोटा ले रहे थी और मार्केट में बेच रही थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और 2 व्यक्तियों को पुलिस पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है। इसी प्रकार नकली घी बनाने वाली फर्मों का भी भंडाफोड़ करने में विभाग ने सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि महामारी के दौरान भी रेमिडिसवीएर की नकली दवाई को विभाग के लोगों ने पकड़ा है और इस मामले में एक फैक्ट्री को भी सील किया गया है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब रेमिडिसवीएर बहुत जरूरी हो गई थी लेकिन समाज के यह क्रूर चेहरे इस नकली दवाई को महंगे दामों पर बनाकर बेच रहे थे।
मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की जरूरत

इससे पहले, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि यह खुशी की बात है कि पंचकूला के सेक्टर 3 में बनने वाले खाद्य एवं औषधि प्रशासन भवन का शिलान्यास स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा किया गया है। दवाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों में शुद्धता पर बल देते हुए गुप्ता ने कहा कि आज कुछ असामाजिक तत्व मिलावटखोरी में संलिप्त हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

गुप्ता ने कहा कि हर जिला स्तर पर एक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा देखने में आया है कि कई बार सेंपल को परीक्षण के लिए भेजने के पश्चात रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है, जिसके कारण मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही करने में विलंब होता है। लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलें इसके लिए सेंपल की रिपोर्ट समय पर आना आवश्यक है।