मां और बच्चे का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है। एक बच्चे को उसकी मां से ज्यादा कोई भी प्यार नहीं कर सकता, यहां तक कि उसका पिता भी नहीं। बच्चे की खुशी के लिए मां किसी भी हद तक जा सकती है और इस बात के कई उदाहरण हमारे सामने पहले भी आ चुके हैं। बच्चे के लिए एक मां जितनी कुर्बानी देती है उतना कोई और नहीं कर सकता। बच्चे के कोख में रहने से लेकर उसके जन्म तक और उसके बाद भी, जितना एक मां करती है, कोई नहीं कर सकता। इन दिनों सोशल मीडिया पर सालों पुराना पुरानी एक घटना काफी वायरल हो रही है। यह घटना राजस्थान के सीकर जिले से संबंधित है जहां एक मां अपने बेटे की अकाल मृत्यु के बाद भी खुद को उससे अलग नहीं कर पाई।
आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि 15 साल पहले उस महिला के इकलौते बेटे की किसी एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। बेटे का अंतिम संस्कार उसकी मां ने ही किया था। उसके बाद से महिला उसी श्मशान घाट में रहने लगी। वह कभी वहां से वापस अपने घर नहीं लौटी।
जब भी लोग श्मशान घाट में किसी के अंतिम संस्कार में पहुंचते हैं। तो वह उस महिला को वही पाते हैं। महिला वहां आने वाले लोगों को पानी पिलाती है। इसके साथ ही दाह संस्कार के लिए लकड़ियां उठाने में भी मदद करती है और वह दिन-रात उसी श्मशान घाट में बिताया करती है। वह वहां से कही नहीं जाती है।
महिला का था इकलौता सहारा
जब महिला से बात की गई तो उसने बताया कि उसके 22 साल के बेटे की मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई। एक्सीडेंट के बाद उसके बेटे को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक उसके शरीर से काफी सारा खून बह गया था, जिसकी वजह से वही उसकी मौत हो गई। महिला ने बताया कि इसकी बेटे के अलावा उसका इस दुनिया में कोई नहीं था। उसके जाने के बाद वह काफी अकेली हो गई।
महिला ने आगे बताया कि अपने बेटे की आत्मा की शांति के लिए वह उसकी अस्थियों को लेकर हरिद्वार भी गई थी। जहां उसने अस्थियों का विसर्जन भी किया। उसके बाद वह सीधे श्मशान घाट लौट आई और वहीं रुक गई। लोगों ने महिला को खूब समझाया लेकिन वह वहां से कहीं नहीं गई। आखिर वह अपने बेटे को छोड़कर जाती भी तो कहां।