हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि तालाबों को बचाने और उनके जीर्णोदार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में अमृत सरोवर मिशन की शुरूआत की है। जिस तरह भागीरथ ने गंगा नदी को धरा पर लाने के लिए प्रयास किया था, उसी तरह प्रधानमंत्री द्वारा जल की महत्ता पर यह भागीरथी प्रयास है। मुख्यमंत्री रविवार को सोनीपत जिले के नाहरा गांव में आयोजित राज्य स्तरीय अमृत सरोवर मिशन के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पानी हमारी जमीन का रक्त है और बिना पानी की बंजर जमीन हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में नहीं देना चाहते।
मुख्यमंत्री ने यहां पहुंचकर सबसे पहले गांव गंगेश्वर सरोवर पर नारियल तोड़कर अमृत सरोवर मिशन का शुभारंभ किया और अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की श्रमिकों को बधाई देते हुए स्वयं भी यहां पर श्रम दान किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर के 111 स्थानों पर आयोजित अमृत सरोवर मिशन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग क माध्यम से जुड़े जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जल ही जीवन है के मूल मंत्र को समझा है और देशभर के तालाबों को बचाने का आह्वान किया है। उन्होंने देशभर के प्रत्येक जिले में 75 तालाबों को साफ करने या उनका कायाकल्प करने की योजना पर काम करने के लिए कहा है। आज यह योजना उसी कड़ी का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लोग पारस्परिक सहयोग से तालाब खोदते थे। लेकिन काफी समय से लोगों ने तालाबों की साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण ये प्रदूषित हो गए। समय के साथ-साथ इन तालाबों में अपशिष्ट मिलने लगे। तालाबों का पानी ओवरफ्लो होने लगा लेकिन आज से हमने इसको ठीक करने का बीड़ा उठाया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं, जिनमें से 4 हजार में सिर्फ बरसाती पानी एकत्रित होता है। 6 हजार तालाबों में पशुओं के लिए पानी भरा रहता है और 8 हजार तालाबों में गंदा पानी भरा रहता है, उसे स्वच्छ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐतिहासिक तालाबों को तीर्थ स्थल मानकर जीर्णोदार होगा। अमृत सरोवर मिशन के तहत सबसे पहले 15 अगस्त 2022 तक हरियाणा के 8 हजार तालाबों का जीर्णोदार किया जाएगा, इनमें से 1600 तालाबों पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद पूरे प्रदेश में बचे हुए सभी तालाबों की दशा सुधारी जाएगी।
इसके अंतर्गत तालाबों की खुदाई, रिटर्निंग वॉल व सौंदर्यकर्ण करके आसपास के स्थल को भ्रमण योग्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तालाबों के जीर्णोदार के लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन का गठन किया गया है और इसके लिए 1 हजार करोड़ रुपये के बजट का अलग से प्रावधान किया गया है।