हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा व पंजाब द्वारा दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने की मांग की गई है। दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने की दिशा में दोनों राज्यों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को विधिवत रूप से प्रस्ताव किया जाएगा। नई दिल्ली में विज्ञान भवन में विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में भाग लेने के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा के लिए अलग से उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने की मांग संयुक्त सम्मेलन में की गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा भी पंजाब के लिए अलग से उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने की मांग की गई। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त बैठक में चंडीगढ के लिए भी अलग से उच्च न्यायालय स्थापित किए जाने की मांग की गई।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में न्यायिक अधिकारियों की चयन प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से किए जाने की मांग भी गई। उल्लेखनीय है कि गत कुछ समय से हरियाणा में न्यायिक अधिकारियों की चयन प्रक्रिया उच्च न्यायालय द्वारा की जाती है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की संयुक्त बैठक की कार्यसूची में शामिल विभिन्न सात विषयों पर चर्चा हुई। न्यायालयों के लिए आधारभूत संरचना के लिए बजट उपलब्धता के संदर्भ में संयुक्त सम्मेलन में हरियाणा राज्य के प्रति संतोष व्यक्त किया गया।
संयुक्त सम्मेलन में हरियाणा राज्य द्वारा न्यायालयों की ई-प्रणाली को राजस्व विवरण से भी जोडने के सुझाव को उपयोगी बताया गया। कानूनी सहायता को और अधिक सक्षम बनाए जाने के संदर्भ में भी संयुक्त सम्मेलन में विचार-विमर्श हुआ।