जल्दी ही यूपी (Uttar Pradesh) और हरियाणा (Haryana) के बीच की दूरी कम होने वाली है। यहां से आने जाने वाले लोगों को राहत मिलने वाली है। क्योंकि अब यूपी से हरियाणा जाने के लिए लोगों को 22 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आने वाले दिनों में यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) से जोड़ा जाएगा। इससे निर्माण के बाद से लोगों को सिरसा (Sirsa) होते हुए लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सिर्फ यही नहीं बल्कि इसके निर्माण के बाद हरियाणा वालों के लिए जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) तक पहुंचना भी आसान होगा।
फिलहाल यूपी और हरियाणा के बीच प्रतिदिन 20 हजार से ज्यादा वाहन चलते हैं। अभी वाहन चालकों को आगरा से यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए हरियाणा जाने के लिए जीरो पॉइंट से वापस सिरसा रूप से ईस्टर्न पेरीफेरल जाना पड़ता है। इसी तरह हरियाणा से मालवाहक या सामान्य वाहन ही सिरसा उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो पॉइंट से आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ते हैं।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर जगनपुर-अफजलपुर गांव के पास इंटरचेंज बनने से जेवर एयरपोर्ट आने वाले लोगों का भी फायदा होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा और वेस्ट यूपी के लोगों को होगा क्योंकि इससे केवल वक्त ही नहीं बल्कि ईंधन की भी बचत होगी।
साथ ही कर्मार्शियल वाहन भी इस इंटरचेंज का फायदा उठा सकेंगे। जानकारी के अनुसार अगस्त 2022 में इंटरचेंज बनकर तैयार हो जाएगा और इसके निर्माण में करीब 76 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
यहां जुड़ेंगे यमुना और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे के नोएडा जीरो पाइंट से 9 किमी की दूरी पर जगनपुर-अफजलपुर गांव के पास दोनों यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे आपस में मिलते हैं और इसी जगह को इंटरचेंज बनाने के लिए चुना गया है।
बता दें कि यहां पर चार रैंप बनाई जाएंगी। जिसमे से दो रैंप चढ़ने तो दो उतरने की होंगी। लेकिन किसानों के साथ चले जमीन विवाद के कारण इस योजना में देरी हो गई। लेकिन अब मामला शांत है तो उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्दी ही यह योजना फिर से रफ्तार पकड़ लेगी।