शिवाजी स्टेडियम में खिलाड़ियों को अभ्यास करने में असुविधा नहीं होगी। खेल विभाग खिलाड़ियों के पहचान पत्र बनाएगा। कोचों से खिलाड़ियों की सूची ले ली गई है। जल्द ही खिलाड़ियों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। इन्हीं पहचान पत्रों के जरिये खिलाड़ियों की स्टेडियम में इंट्री होगी। बता दे कि स्टेडियम में 100 से ज्यादा युवक ऐसे आते हैं जो किसी कोच के पास अभ्यास नहीं करते हैं। वे दौड़ लगाने की बात कहते हैं और जमकर हुड़दंगबाजी करते हैं।
ट्रैक में अभ्यास करने वाले एथलीटों के साथ मारपीट करते हैं। कोचों के साथ भी युवक उलझ जाते हैं। युवकों की इस करतूत की वजह से कई युवतियों ने स्टेडियम में आना बंद कर दिया है।
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स्टेडियम के मैदान में कई व्यक्ति भी घूमते रहते हैं। इस वजह से खिलाड़ी जैवलिन व डिस्कस का अभ्यास नहीं कर पाते हैं। घूमने से रोकने पर लोग राजनेताओं से संबंध बताकर कोचों को भी हड़का देते हैं। तबादले तक की धमकी दे देते हैं। इस वजह से कोच भी बेबस नजर आते हैं। खिलाड़ियों को मजबूरी में 12 किलोमीटर सिवाह के निर्माणाधीन स्टेडियम में अभ्यास करने जाना पड़ता है।
बाहरी लोगों से परेशान हैं खिलाड़ी
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जैवलिन थ्रोअर रोमित, विवेक और राहुल का कहना है कि वह स्टेडियम में अभ्यास के लिए आते हैं तो बीच मैदान में लोग घूमते रहते हैं। रोकने का प्रयास करते हैं तो लोग गाली-गलौज करते हैं। इसी वजह से वे अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं।
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उन्हें नहर पर या फिर सिवाह स्टेडियम में जाना पड़ता है। बाहरी लोगों पर स्टेडियम में रोक लगे या फिर उनका समय बदला जाए। अगर ऐसा हो जाएगा तो वे अच्छे से अभ्यास कर राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत सकते हैं।
जिला खेल अधिकारी प्रदीप पालीवाल ने बताया कि जल्दी ही शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाले सभी खिलाड़ियों की पहचान पत्र बना दिए जाएंगे। इसके बाद से खिलाड़ियों को अभ्यास करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।