उत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ पहाड़ियों और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में कुछ बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं। हरियाणा के करनाल, पानीपत व रेवाड़ी में तेज बरसात व ओलावृष्टि की आंशिक घटना देखी गई है, वहीं हिसार व कुरुक्षेत्र में बूंदाबांदी हुई है। हालांकि पहाड़ी क्षेत्रों की बात की जाए तो शिमला में 50 मिमी की बरसात दर्ज की गई। मनाली, अंबाला, पटियाला, श्रीगंगानगर आदि सहित अन्य हिस्सों में हल्की बरसात हुई है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी प्री-मानसून गतिविधियां वीरवार को भी देखी जा सकती हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बौछारें पड़ने और बरसात होने की संभावना है।

इसके बाद छह मई को इन गतिविधियों में उल्लेखनीय रूप से कमी आएगी, और उस दौरान बंद हो सकती है। इस बरसात के कारण उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान नियंत्रण में है और इन क्षेत्रों में तापमान 30 से 34 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है।
भीषण गर्मी व बिजली कटों के बीच संजीवनी दे गई बरसात

भीषण गर्मी की मार के बीच बिजली के कटों से परेशान हुए लोगों को बुधवार को हुई बरसात ने बहुत बड़ी राहत प्रदान की है। इस बरसात से तापमान में गिरावट आई, जिससे दिन में चल रहे एसी लोगों ने बंद कर दिए और बिजली का लोड कम हो गया।
मौसम में ठंडक घुलने से गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली है। भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों को बुधवार दोपहर को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई बरसात से राहत मिली है। करनाल में रिकार्ड 25.0 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्र में बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा पंजाब से बांग्लादेश तक हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, दक्षिण बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए जा रही है।