हरियाणा में निवेशकों पर नियमतीकरण भार को कम करने और कारोबार की सहुलियत को और बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 में प्रस्तावित सुधारों के कार्यान्वयन के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) नियम, 2021 को को स्वीकृति प्रदान की गई।
राज्य सरकार ने एक ईको सिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) बनाने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 और संबंधित नियम बनाए थे, जिसमें राज्य में कारोबार की सहुलियत के लिए उद्यमों को मंजूरी और अनुमोदन देने में देरी के साथ-साथ व्यवसाय करने की लागत को कम किया गया।
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निवेशक एचईपीसी के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से समयबद्ध तरीके से 23 से अधिक विभागों की लगभग 150 मंजूरी प्राप्त करने के लिए सामान्य आवेदन पत्र (सीएएफ) भर सकते हैं।
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नीति के अध्याय 5 के तहत अनुमोदित नियमितीकरण सुधारों के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को 15 दिनों के भीतर सभी आवश्यक व्यावसायिक मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद एचईपीसी पोर्टल पर स्व:चालित डीम्ड क्लीयरेंस का प्रावधान होगा।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के बकाया भुगतान को भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल करने के लिए एमएसएमई बकायों की वसूली के मामले में हरियाणा सूक्ष्म, लघु उद्यम सुविधा परिषद (एचएमएसईएफसी) के नियमों में नवम्बर, 2021 में प्रावधान किया गया था।
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हरियाणा सरकार ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने के लिए दिशा-निर्देश देने और हैंड होल्डिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में हरियाणा उद्यम संवर्धन केंद्र (एचईपीसी) की शुरुआत की है। ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति, 2020’ नामक नई औद्योगिक नीति पहली जनवरी, 2021 से 12 दिसंबर, 2025 तक प्रभावी है।