अब जल्द ही हरियाणा के युवा भी कमर्शियल और एयरलाइंस (Commercial and Airlines) जहाज़ उड़ा पाएंगे। हाल ही में सिविल एयर स्ट्रिप बाछोद (नारनौल) पर फ्लाइंग स्कूल (flying school) शुरू किया गया है। इस स्कूल को एमएसएफ़एसटीसी द्वारा ही स्थापित किया गया है। बीते दिनों डीजीसी भी फ्लाइंग स्कूल का निरीक्षण कर चुके हैं। अब जल्द ही इस स्कूल को बच्चों के लिए भी शुरू कर दिया जाएगा। वहीं यहाँ अब एडमिशन प्रक्रिया (Admission) भी शुरू कर दी गई है। ट्रेनिंग स्कूल के लिए दो हवाई जहाज़ (plane) भी आ चुके हैं।
निरीक्षण में डीजीसी ने दो तीन पॉइंट पर काम करने के लिए कहा है जिसके बाद जल्द ही इस ट्रेनिंग स्कूल (training school) को पूरी तरह शुरू कर दिया जाएगा। राज्य के लोगों को भी आरक्षण दिया जा रहा है।
बता दें कि सिविल एयर स्ट्रिप बाछोद (नारनौल हरियाणा) पर 15 दिन के अंदर ही फ्लाइंग स्कूल (flying school) शुरू होने वाला है। ऐसे में यहाँ युवाओं को कमर्शियल और एयरलाइंस हवाई जहाज़ उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। बता दें कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ही 2021 में एक कार्यक्रम के तहत इस स्कूल को शुरू करने की घोषणा की थी। इस स्कूल में 18 महीने का कोर्स (flying course) कराया जाएगा।
अब जल्द ही इस हवाई पट्टी का विस्तारिकरण भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग स्कूल के लिए दो हवाई जहाज़ आ चुके हैं वहीं अब जल्द ही 10-15 हवाई जहाज़ भी आने वाले हैं। इसके लिए नाइट फ्लाइट का परीक्षण भी कर लिया गया है। अब इस हवाई पट्टी पर रात में भी हवाई जहाज़ लैंड कर सकेंगे। हवाई पट्टी पर एरोड्रम विक्कन भी लगाया गया है।
हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए रन-वे की लंबाई 3400 से बढ़ाकर 5500 फुट की जाएगी। एक अलग से पैरलल टैक्सी ट्रैक (पीपीटी) कंकरीट का बनाया जाएगा। इस ट्रैक पर जहाज खड़े रहेंगे और उड़ान के लिए घूम कर रन-वे पर चले जाएंगे। ट्रैक पर लगभग चार-पांच जहाज खड़े हो सकेंगे। इसके अलावा आने वाले उपकरणों को इंस्टाल किया जाएगा। इसके अलावा एक हैंगर बनाया जाएगा, जिसके अंदर जहाज सुरक्षा दृष्टि से खड़े रह सकेंगे।
बता दें कि इस ट्रेनिंग स्कूल में एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वहीं एक बार में इस स्कूल में 100 बच्चे पायलट बनने की ट्रेनिंग ले सकते हैं। वहीं प्रदेश के युवाओं को इस ट्रेनिंग स्कूल में 50% का आरक्षण भी दिया जाने वाला है। सरकार की इस पहल से प्रदेश को भी एक नई पहचान मिलने वाली है।
यह हवाई पट्टी 1986 में बनाई गई थी। कई वर्षों तक यह पट्टी वीरान पड़ी रही। पिछले कुछ वर्षों में इस पर काफी काम हुआ है। नई एयर स्ट्रिप और जहाज रिपेयरिंग के लिए बड़ा हैंगर बनाया गया। अब यहां पर जहाजों की रिपेयरिंग होती है। प्रतिमाह औसतन दो जहाज रिपेयरिंग के लिए आते हैं। हेलिकॉप्टर उतरने के लिए हेलीपैड बनाया गया है।