एयरस्पेस एवं डिफेंस पॉलिसी (Airspace and Defense Policy) को मंजूरी, उड्डयन ड्रोन विनिर्माण (Aviation Drone Manufacturing) पर काम होगा। गुरुग्राम में हैलीहब बनाने का प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रखा है। उन्होंने बताया कि एयरोस्पेस डिफेंस की नवीनता पर काम किया जा रहा है और इसी कड़ी में एयरोस्पेस डिफेंस उत्पादन व विनिर्माण को अनुमति दी गई हैं। इसके तहत एक बिलियन डॉलर के निवेश को आकृर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में पांच एयरपट्टियां पिंजौर, करनाल, नारनौल व भिवानी इत्यादि में हैं जिसके तहत यदि कोई यूनिट एयरपटटी के 10 किलोमीटर के दायरे में डिफेंस से संबंधित उत्पादन करता हैं तो उसे सरकार द्वारा 5 प्रतिशत का प्रतिपूर्ति की जाएगी।

ऐसे ही, 25 किलोमीटर के दायरे में काम करने वाली यूनिट को 20 करोड रूपए तक का एसजीएसटी का रिफण्ड किया जाएगा जिसके तहत बी ब्लाक में 6 वर्ष तक 50 प्रतिशत, सी ब्लाक में 8 वर्ष तक 75 प्रतिशत व डी ब्लाक में 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत का रिफण्ड होगा।

इसी प्रकार, राज्य सरकार ड्रोन के क्षेत्र में अपना कदम आगे बढा रही हैं और अगले पांच सालों में उड्डयन ड्रोन विनिर्माण पर काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिसार एयरपोर्ट एक विकल्प के रूप में तैयार हो रहा है और इस एयरपोर्ट का कार्य मध्य चरण में हैं और यह एक विकास में त्वरित गति प्रदान करने का काम करेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस के साथ 25 एकड भूमि में एक हैलीहब बनाने का भी प्रस्ताव है जोकि चारधाम यात्रा व बी-टू-बी जैसे कार्य को बढावा देने में पूरा सहयोग करेगा और इससे कनेक्टीविटी में भी बढ़ोत्तरी होगी।

उन्होंने बताया कि यह हैलीहब एनसीआर में अपनी तरह का सबसे बडा हैलीहब होगा। इस हैलीहब के बनने से जहां इंदिरा गांधी अतंर्राष्ट्रीय हवाई अडडे पर यात्रियों के बोझ कम होगा। वहीं दूसरी ओर यहां पर मरम्मत व रखरखाव के काम का भी विकल्प होगा।