बीते मंगलवार हरियाणा के झज्जर जिले में आयोजित हुई परिवेदना समिति की बैठक में कुछ अलग ही देखने को मिला और यह स्थिति देख वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। स्थानीय विधायक गीता भुक्कल भी इस मीटिंग में पहुंची थी। लेकिन वह सरकार के पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के साथ मंच पर नहीं बल्कि बैठक में शिकायत लेकर आए शिकायतकर्ताओं के बीच बैठी। हांलाकि इस दौरान पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने कई बार विधायक गीता भुक्कल को मंच पर आने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने मंत्री के आग्रह को दरकिनार करते हुए केवल इतना हीं कहा कि वह केवल आज शिकायत लेकर आई है और शिकायकर्ताओं के बीच ही बैठेंगी।
पूर्व शिक्षा मंत्री व स्थानीय विधायक अधिकारियों की कार्यशैली से ज्यादा नाराज दिखाई दी। उन्होंने कहा कि वह कई बार अधिकारियों से कह चुकी है कि परिवेदना समिति की बैठक को मंगलवार या फिर बुधवार को न रखा जाए। इस दौरान कांग्रेस के बादली हलके के कांग्रेस विधायक डॉ. कुलदीप वत्स मंच पर मौजूद रहे।

इस बारे में चीफ सेक्रेटरी व विस अध्यक्ष तक को कई बार कहा गया है। लेकिन इन सबके बावजूद भी परिवेदना समिति की बैठक को मंगलवार या फिर बुधवार को रखा जाता है, जबकि इन दो दिनों में उनकी बैठके अधिकांश बार चंड़ीगढ़ में होती है।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर होने वाली सरकार की बैठकें अधिकारियों के कब्जे में है। वह नहीं चाहते कि जनप्रतिनिधि इन बैठकों में शामिल हो और जनता की शिकायतों का निवारण हो। भुक्कल ने कहा कि वह जनप्रतिनिधि है और वह चाहती है कि जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जनता को भी सम्मान मिले।
उन्होंने परिवेदना समिति की बैठकों में अधिकांश शिकायतें पेंडिंग होने का भी आरोप लगाया। लेकिन जब कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की शिकायत पूरी हो गई तो वह भी काफी देर बाद मंच पर आ गई। बाद में परिवेदना समिति की बैठक लिए जाने के बाद मंत्री देवेन्द्र बबली ने कहा कि जो शिकायतें आई थी उन्हें सुना गया है और अधिकारियों को उनके समाधान के आदेश भी दिए गए है।

उन्होंने इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। कोई भी अधिकारी या फिर कर्मचारी चाहे वह किसी भी विभाग का है, यदि भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वह भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए और उसे खत्म करने में सरकार का सहयोग दें।