हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि तरल दूध, फलों के रस और किण्वित दूध उत्पादों की पैकिंग के लिए हरियाणा राज्य का पहला टैट्रा पैक संयंत्र रोहतक में 125 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जायेगा। इस प्लांट की स्थापना के बाद लिक्विड उत्पादों को लम्बे समय तक भंडारण कर सुरक्षित रखा जा सकेगा।
डॉ. बनवारी लाल रोहतक के वीटा प्लांट में 5.5 करोड़ रुपये की धनराशि से स्थापित किये जाने वाले बटर डीप फ्रीजर की आधारशिला रखने के उपरांत उपस्थित डेयरी प्रसंघो के सहकारों को संबोंधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वीटा प्लांट में सफेद मक्खन के भंडारण के लिए बटर डीप फ्रीजर लगने से एक हजार मीट्रिक टन बटर को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। इससे वीटा प्लांट से जुड़े सहकारों को भी लाभ होगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए सीएम मनोहर लाल ने अनेक कदम उठाये है। पशुपालक सहकारिता के साथ जुड़कर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अपना योगदान दें। सरकारी नौकरी सीमित है, ऐसे में युवा स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बनें।
सरकार द्वारा डेयरी विकास निगम के माध्यम से पशुपालकों को बिना गारंटी के एक लाख 60 हजार रुपये तथा गारंटी पर 3 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं भी सहकारों को प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि दूध का व्यवसाय वर्षभर चलता है तथा वीटा उत्पादों की गुणवत्ता में लोगों का विश्वास है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा डेयरी विकास सहकारिता फैडरेशन लिमिटेड का मुनाफा 25 करोड़ रुपये से बढ़कर 35 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सहकारों की समस्याओं का यथाशीघ्र निपटारा किया जायेगा।
सहकारिता मंत्री ने किया वीटा प्लांट का निरीक्षण
सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने प्लांट का निरीक्षण किया तथा दूध से बनने वाले उत्पादों की प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने प्लांट की पैकेजिंग व्यवस्था, करेट वॉशिंग, बोटल में दूध की पैकिंग, घी पैकिंग का भी अवलोकन किया। रोहतक वीटा प्लांट की वर्तमान में उत्पादन क्षमता 4.5 लाख लीटर प्रतिदिन है।
यह प्लांट एफसीएम, टोन्ड दूध, डबल टोन्ड दूध की आपूर्ति दुग्ध संयंत्र के कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी नगरों में कर रहा है। दूध के अतिरिक्त यह संयंत्र वीटा घी, वीटा मक्खन, दही, नमकीन लस्सी, छाछ, पनीर व बर्फी इत्यादि का निर्माण कर ग्राहकों को आपूर्ति कर रहा है। यह संयंत्र भारतीय सेना को वीटा घी व दूध की आपूर्ति भी कर रहा है।
मिड-डे-मिड मिल, आंगनवाडी योजना व खेल योजनाओं के अंतर्गत बच्चों व खिलाडिय़ों की दूध की मांग को पूरा करने के लिए प्रसंघ द्वारा सुगंधित मीठे दूध पाउडर की आपूर्ति भी की जा रही है। प्लांट में 4 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एसएफएसएमपी संयंत्र की स्थापना का भी लक्ष्य रखा गया है।
विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है तरल दूध
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्लांट द्वारा हिन्दुस्तान यूनीलिवर लिमिटिड सोनीपत के माध्यम से इंडोनेशिया, मलेशिया आदि देशों में तरल दूध का निर्यात किया जा रहा है। दूध व दूध उत्पादों की गुणवत्ता के लिए इस संयंत्र को राष्टड्ढ्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद द्वारा गुणवत्ता चिन्ह भी प्रदान किया गया है।
दुग्ध उत्पादको से प्राप्त दूध की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए समितियों में 106 से अधिक बल्क दूध यूनिटें स्थापित की गई है। दुग्ध संघ रोहतक अपने दुग्ध उत्पादकों के लिए दुर्घटना बीमा, कन्यादान राशि, छात्रवृति योजना आदि भी क्रियान्वित कर रहा है।
एथनॉल के साथ चीनी मिलों में हो रहा है बिजली का उत्पादन
सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए चीनी के अलावा अनेक उत्पाद तैयार किये जा रहे है। चीनी मिलों में एथनॉल उत्पादन के साथ-साथ बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है। भविष्य में प्रदेश के सभी सहकारी चीनी मिलों में एथनॉल प्लांट लगाये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए सहकारी चीनी मिलों में चीनी के अलावा अन्य उत्पाद भी तैयार किये जा रहे है। पलवल, कैथल तथा महम सहकारी चीनी मिलों में चीनी के साथ-साथ गुड़ व शक्कर का उत्पादन किया जा रहा है।
शाहबाद चीनी मिल में एथनॉल प्लांट शुरू किया गया है। पानीपत तथा रोहतक सहकारी चीनी मिल में बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है। प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए एथनॉल प्लांट लगाये जायेंगे।