ईंधन से चलने वाली गाड़ियां पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में सरकार आज कल इलेक्ट्रिक गाडियां खरीदने पर जोर दे रही है। आने वाले चार सालों में हरियाणा के सभी बोर्ड-निगमों और सरकारी कंपनियों की गाड़ियां (vehicles) तथा एंबुलेंस इलेक्ट्रिक बैटरी (electric battery) से फर्राटा भरती दिखेंगी। वर्ष 2029 तक सभी रोडवेज बसों (roadways buses) के साथ ही निजी वाहनों को भी इलेक्ट्रिक (Electric) करने का लक्ष्य है। प्रदेश सरकार ने प्रदूषण का कारण बने डीजल-पेट्रोल के वाहनों (diesel-petrol vehicles) की जगह पर्यावरण अनुकूल वाहनों को प्रमोट करने के लिए नीति का ड्राफ्ट तैयार कर परिवहन विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है।
नए वाहनों की खरीद के अलावा मौजूदा वाहनों का भी समय पूरा होने पर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) से बदला जाएगा। यह काम चरणबद्ध तरीके से पूरा होगा। वाहन चार्जिंग (vehicle charging) में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए हर शहर के अलावा मुख्य सड़कों पर भी जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
आपको बता दें कि पंचकूला में प्रदेश का पहला चार्जिंग स्टेशन (charging station) स्थापित हो चुका है और इसी से इसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकारी दफ्तरों व बोर्ड-निगमों के अलावा प्राइवेट साइट्स पर भी चार्जिंग स्टेशन (charging station) बनाए जाएंगे।
सभी अपार्टमेंट्स में अनिवार्य होंगे चार्जिंग स्टेशन
हरियाणा सरकार (Haryana Government) की नीति के अनुसार सभी नए अपार्टमेंट, हाईराइज बिल्डिंग और टेक्नालोजी पार्क में वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के डिस्पोजल (disposal) को लेकर विकसित होने वाली मार्केट को सरकार प्रोत्साहन देगी।
इसी तरह क्लीन फ्यूल और अक्षय ऊर्जा आधारित चार्जिंग/बैटरी स्वैपिंग स्टेशन (swapping station) को प्रोत्साहित दिया जाएगा। इसके अलावा मोबिलिटी इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए 100 से 200 एकड़ तक भूमि अलाट की जाएगी। ये पार्क इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को प्राथमिकता देंगे। इनमें सीवेरज व्यवस्था, जलापूर्ति, बिजली, सड़कें व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का प्रबंध करने के साथ ही रेल और रोड कनेक्टिविटी मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
2029 तक सभी वाहन होंगे इलेक्ट्रिक
गुरुग्राम व फरीदाबाद में सिटी बस सेवा के अंतर्गत चल रही बसों को 2029 तक इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल दिया जाएगा। दोनों जिलों में कामर्शियल वाहनों (commercial vehicles) को भी इसी अवधि में इलेक्ट्रानिक वाहनों के रूप में बदलने का लक्ष्य है।
दुपहिया व तिपहिया वाहनों को लेकर प्रदेश सरकार जल्द ही सब्सिडी (subsidy) की घोषणा भी कर सकती है। प्राइवेट सेक्टर की मदद से प्रदेश में जगह-जगह कामर्शियल चार्जिंग स्टेशन (commercial charging station) स्थापित कराए जाएंगे। सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों व उपक्रमों की खाली जगह पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है।
जहां आम लोगों को भी रियायती दरों पर वाहनों को Charging facility मिलेगी। सभी नए भवनों में चार्जिंग स्टेशन (charging station) का प्रबंध करने का नियम बनाया जा रहा है। सभी हाईवे पर फास्ट चाॄजग स्टेशन बनेंगे ताकि वाहनों की चार्जिंग में अधिक समय न लगे।
दस साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी नहीं
इलेक्ट्रिक वाहन व बैटरी बनाने वाली कंपनियों को दस साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट (Exemption from Electricity Duty) दी जाएगी। इन कंपनियों को 24 घंटे बिजली मिलेगी और शुरुआती पांच वर्षों में सिर्फ तीन रुपये प्रति यूनिट देने होंगे। इंडस्ट्री (industry) के लिए वर्तमान में तय वाटर सप्लाई के टैरिफ में भी इन कंपनियों को 50 फीसद की छूट मिलेगी। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर दो करोड़ रुपये तक की रशि पर सरकार 25 फीसद सब्सिडी देगी।
इन कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी
इलेक्ट्रानिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को सरकार सब्सिडी (subsidy) देगी। 15 लाख रुपये तक की माइक्रो इंडस्ट्री पर 25 फीसद, 40 से 50 लाख तक की स्माल और मीडियम इंडस्ट्री को 20 फीसद और दस करोड़ रुपये तक की यूनिट लगाने वाली कंपनी को दस फीसद सब्सिडी दी जाएगी।
दुपहिया, तिपहिया व चार पहिया वाहनों की बैटरी, चार्जिंग उपकरण, हाईड्रोजन स्टोरेज (hydrogen storage) व फ्यूलिंग उपकरण की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली 20 करोड़ रुपये तक की लागत वाली कंपनियों को दस फीसद सब्सिडी मिलेगी। ऐसी कंपनियों की 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और ट्रांसफर ड्यूटी (transfer duty) सरकार द्वारा वापस लौटाई जाएगी।