विश्व विख्यात हड़प्पा संस्कृति (Harappan Civilization) के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है। समय-समय पर पुरातत्व विभाग (Archeology Department) हड़प्पन सभ्यता के कई नए तथ्यों के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते है। कैसे उस समय के लोग रहा करते थे, उनका खान-पान, उनका व्यापार, आज हर चीज की खोज की जा रही है। इसी कड़ी में हरियाणा (Haryana) के हिसार (Hissar) में राखीगढ़ी (Rakhigarhi) में खुदाई करने के दौरान विभाग को नई-नई जानकारियां मिली। वहां विभाग को सोने के कई आभूषण (Gold Jewellery in Rakhigarhi) मिले इनसे अनुमान लगाया जा रहे हैं उस जमाने में लोग सोने के गहने भी पहनते थे। यहां तक कि सोने के आभूषण भी वहीं तैयार किए जाते थे।
इन नए-नए रहस्यों के उजागर होने से इतिहासकारों के दिलचस्पी भी काफी बढ़ती जा रही है बीते दिनों खुदाई के दौरान सोने के आभूषण मिले साथ ही आभूषण बनाने की भट्ठी भी मिली है। पुरातात्विक अनुमान लगा रहे हैं कि उस जमाने में लोग कर्नाटक के कोलार स्थित खान या फिर मेसोपोटामिया से सोना लाते होंगे।
इसके साथ ही सिंधु और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से सोने के व्यापार की संभावना जताई जा रही है। जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा कि सोना कहां से और कैसे लाया जाता था।
अब इतिहासकार यह जानना चाहते हैं कि क्या कर्नाटक में मौजूद सोने की खान को 7000 साल पहले भी इस्तेमाल किया जाता था। अगर भारत से हड़प्पन सभ्यता के लोग सोने का व्यापर करते थे तो कर्नाटक से भी इसके तार जुड़े होने की संभावना है। कहा जाता है कि करीब 17 लाख टन सोने के अयस्क का भंडार कर्नाटक में है। इसमें से ज्यादातर खदानें हसन, धारवाड़, रायचूर और कोलार जिलों में स्थित हैं।
इतिहासकारों ने जताई यह संभावना
सोने की खदान को इतिहासकार सिंधु और उसकी सहायक नदियों से भी जोड़कर देख रहे हैं क्योंकि इन तीनों नदियों में भी सोने के कण मिले थे। संभावना जताई जा रही है कि करीब 7000 साल पहले राखीगढ़ी के लोग इन तीनों नदियों के माध्यम से ही व्यापार करते थे।
चार दिन पहले खुदाई बंद
बरसात की वजह से 4 दिन पहले ही राखीगढ़ी में साइट नंबर 1, 4 और 7 पर खुदाई बंद कर दी गई है। यह खुदाई करीब 2 महीने तक चली। पुरातत्व विभाग की मुख्य टीम भी खुदाई स्थल से वापस आ चुकी है। अब उम्मीद है कि सितंबर में फिर से खुदाई शुरू होगी। इस बार की खुदाई में खास बात यह रही कि राखीगढ़ी में कई कंकाल मिले। जिनके डीएनए सैंपल लेने के बाद उन्हें जांच के लिए देश के विभिन्न लैबों में भेज दिया गया है।
राखीगढ़ी में मिले यह प्रमाण
एएसआई के डिप्टी डायरेक्टर प्रवीण केसरी ने बताया की खुदाई के दौरान राखीगढ़ी में बहुत सारे प्रमाण मिले हैं जिनसे यह साबित होता है कि यहां सोने के आभूषण तैयार किए जाते थे। सोने के जो टुकड़े मिले हैं उन्हें अभी जांच के लिए लैब में नहीं भेजा गया है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि कितने बड़े स्तर पर यहां आभूषण बनाने का काम होता था।