देश में भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है। भरष्टाचार सरकारी अधिकारियों द्वारा हो या आम आदमी, हर कोई इसके चंगुल में फंस चुका है। हाल ही में दिल्ली से खाने-पीने का सामान खरीदकर बिना जीएसटी चुकाए फरीदाबाद, पलवल, मथुरा से लेकर कई राज्यों तक पहुंचाने के खेल का भंडाफोड़ हुआ है। इस खेल में शामिल ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों ने सरकारी निगरानी से बचने के लिए अपना एक अलग उल्लू गैंग बना रखा है, जो जगह-जगह तैनात रहता है और पूरी रात जागकर टैक्स चुराकर माल ले जा रहे ट्रकों को सर्विलांस से बचने का रास्ता बताता रहता है। सीएम उड़नदस्ते ने शनिवार रात ऐसे ही वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया और नैशनल हाइवे पर छापेमारी कर 13 ट्रकों को पकड़ लिया। इसमें से 10 वाहन फरीदाबाद में पकड़े गए, जबकि 3 वाहन पलवल में पकड़े गए हैं।
अनुमान है कि इन ट्रकों में टैक्स चोरीकर दिल्ली से सामान लाया जा रहा था। ट्रकों को जीएसटी विभाग के हवाले कर दिया गया है। विभाग के अधिकारी ट्रकों में भरे माल की जांच कर टैक्स चोरी के बारे में घटा-जोड़ कर रहे हैं, इन ट्रकों में मिले माल में करीब 2 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का अनुमान है। रोज रात करीब 1 हजार ट्रक दिल्ली की सीमा पार कर यहां से गुजरते हैं।
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शनिवार रात चेकिंग का पता चलते ही बाकी ट्रक इधर से गुजरे ही नहीं। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के डीसीपी राजेश कुमार चेची ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि दिल्ली से अलग-अलग राज्यों में परचून का सामान ले जाने वाले कमर्शल वाहन जीएसटी चोरी करते हैं। ये ट्रक रात के समय फरीदाबाद व पलवल से माल लेकर गुजरते हैं।
खाने-पीने के सामान के साथ ही पान मसाला, गुटखा जैसी चीजें भी
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इन ट्रकों में खाने-पीने के सामान के साथ ही पान मसाला, गुटखा जैसी चीजें भी होती हैं, जिनपर भारी टैक्स लगता है। इसके बाद सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड, स्थानीय पुलिस, गुप्तचर विभाग व जीएसटी विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई। यह टीम शनिवार रात कई जगहों पर गोपनीय तरीके से खड़ी हो गई। जैसे ही माल से लदे ट्रक वहां से गुजरे, उनकी तलाशी शुरू कर दी।
फरीदाबाद में सामान से भरे 10 ट्रक पकड़े गए। जबकि, पलवल एरिया में 3 ट्रक काबू किए गए। यह अभियान रविवार सुबह 7 बजे तक चला। जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने ट्रकों से मिले बिल और सामान के मिलान का काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हर रात करीब 100 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की जाती है।
माल पकड़े जाने पर चुकाते हैं 5 गुना रकम
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फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, होडल, कोसी, मथुरा, आगरा सहित अन्य राज्यों के व्यापारी थोक का सामान दिल्ली के सदर बाजार या खारी बावली जैसे बाजारों से खरीदते हैं। सामान खरीदकर पैकिंग कराने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट कंपनी में भेज देते हैं।
ट्रांसपोर्ट कंपनी जीएसटी के भुगतान और टैक्स चोरी वाले सामान के लिए अलग-अलग रेट चार्ज करती है। जीएसटी चोरी कर ले जाए जाने वाले माल के लिए कई गुना अधिक चार्ज लिया जाता है। माल पकड़े जाने पर उसका जुर्माना ट्रांसपोर्टर को ही भरना होता है। इसलिए ट्रांसपोर्ट कंपनी चोरी छिपे ट्रकों को निकालती है।
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यह भी पता चला है कि उल्लू टीम के सदस्य ट्रांसपोर्ट कंपनी के अलावा दूसरे ट्रकों के लिए भी काम करते हैं। ये लोग ट्रकों को निकालने की एवज में एकमुश्त रकम लेते हैं। अगर ट्रक चेकिंग में पकड़ा जाता है तो ये लोग 5 गुना रकम चुकाते हैं। यह लेनदेन ऑन द स्पॉट ही हो जाता है।
सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत
दिल्ली से ट्रकों में सामान लेकर चलने वाले ट्रांसपोर्टरों ने जिले वाइज टीम बनाई है। यह टीम ट्रकों के बदरपुर बॉर्डर पर आने के बाद सक्रिय हो जाती है। ट्रांसपोर्टर इस टीम को उल्लू के नाम से पुकारते हैं, ताकि किसी को उनके बारे में पता नहीं चल सके। सूत्र बताते हैं कि जैसे उल्लू रात में जागता है और दिन में सोता है।
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ऐसे ही इस टीम के लोग भी रातभर जागते हैं और निगरानी करते हैं। इसीलिए इस टीम को उल्लू नाम दिया गया है। बताया जाता है कि जीएसटी की चोरी करने वाले ट्रांसपोर्टरों ने टीम को वेतन पर रखा है। गाड़ी और बाइक के अलावा 4-4 मोबाइल भी इन्हें दिए जाते हैं। ट्रक ड्राइवर इनके निर्देश पर ही ट्रक को फरीदाबाद व पलवल में प्रवेश कराते हैं।
ये रास्ते को क्लियर कराते हुए चलते हैं। अगर कहीं पर चेकिंग होती है तो ट्रकों को हाइवे जुड़े रास्ते, कट या गली में उतार दिया जाता है। चेकिंग जारी रहने तक ट्रकों को गलियों में ही खड़ा रखा जाता है। बताया यह भी जाता है उल्लू टीम के सदस्य सरकारी अधिकारियों के अधीनस्थ कर्मचारियों के टच में रहकर पूरी गतिविधि पर निगाह रखते हैं।
चेकिंग का पता चलने पर नहीं आए बाकी ट्रक
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सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड ने इस अभियान को बहुत ही गोपनीय रखा था। अभियान में पुलिस के वाहनों को दूर रखा गया। टीम में शामिल लोगों के लोगों के पास निजी वाहन थे, ताकि जीएसटी चोरी करने वालों को भनक तक न लगे। टीम के सभी सदस्य पहले सेक्टर-30 पुलिस लाइन में एकत्रित हुए। इसके बाद अपने मिशन पर निकले।
हाइवे से जुड़े हर कट, गली व रास्ते पर टीम का सदस्य मौजूद रहा, ताकि जीएसटी चोरी करने वाले वाहन चेकिंग की भनक लगने पर इधर-उधर न भाग सकें। यह अभियान सुबह 7 बजे तक चलता रहा। लेकिन, चेकिंग की भनक लगने पर काफी गाड़ियां बदरपुर बॉर्डर से पार होकर आईं ही नहीं। सूत्र बताते हैं कि हर रात 100 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी होती है।