हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाते हुये मोरनी को प्राकृतिक खेती का हब बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिये किसानों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी। जेपी दलाल मोरनी खंड के गांव धारला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार के 8 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज गांववासियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उनका जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया।
दलाल ने कहा कि मोरनी एक पहाड़ी क्षेत्र है और यहां की परिस्थितियां और वातावरण दूसरे क्षेत्रों से भिन्न है। उनका प्रयास है कि क्षेत्रों की परिस्थितियों के आधार पर योजनायें बनाई जायें ताकि लोगों को उनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
![](http:///storage/emulated/0/Download/JP-Dalal-says-ready-for-discussion-anywhere-for-farmers-1-1.jpg)
उन्होंने कहा कि मोरनी क्षेत्र में पशुओं द्वारा खेती को नुकसान पंहुचाने की समस्या के समाधान के लिये शीघ्र ही सोलर फेंसिंग की योजना बनाई जायेगी।
![](http:///storage/emulated/0/Download/solar-fence-energizer1.jpg)
इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतो के चारों और सोलर फेंसिंग करने के लिये सरकार द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके अलावा मृदा संरक्षण व जल संरक्षण से संबंधित कार्यों जैसे चौक डैम और वॉटर टैंक के निर्माण के लिये अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी की जायेगी।
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/05/best-time-Amandeep-Mathur-1.jpg?resize=696%2C464&ssl=1)
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं और रासायनिक खादों एवं कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग ना करें। प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में एफपीओ भी आगे आये और कृषि व बागवानी क्षेत्र में अपना एक अलग ब्रांड विकसित करें। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर छोटे से छोटे किसान को समर्थ बनाना और उसकी आय का बढ़ाना है।
![](https://i0.wp.com/haryanawale.com/wp-content/uploads/2022/05/pm-kisan89888-sixteen_nine.jpg?resize=696%2C391&ssl=1)
सिक्किम का उदाहरण देते हुये दलाल ने कहा कि सिक्किम में पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती की जाती है और वहां के किसान रसायनिक खादों का प्रयोग नहीं करते। उन्होंने कहा कि मोरनी में भी किसान सुनिश्चित करें कि इस क्षेत्र में भी रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग ना हो।