Homeकुछ भीहरियाणा का अनोखा परिवार, जिसके आधे सदस्य हिंदुस्तानी और आधे पाकिस्तानी

हरियाणा का अनोखा परिवार, जिसके आधे सदस्य हिंदुस्तानी और आधे पाकिस्तानी

Published on

आज हम आपको हरियाणा में रहने वाले एक ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे, जिसके कई सदस्य 16 साल से भारत में रहने के बावजूद पाकिस्तानी होने का ताना झेल रहे हैं। यह एक ऐसा परिवार है जिसमें पति-पत्नी और छोटा बेटा तो हिंदुस्तानी हैं, लेकिन बड़ा बेटा, बेटी और दो बहनें अब भी पाकिस्तानी हैं। सरकार ने इन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं दी है।

दरअसल, पाकिस्तान के लैय्या जिले का रहने वाला फुलचंद वर्ष 2005 में रोहतक जिले के मदीना गांव में अपनी दो पत्नीयों, चार बेटे और दो बेटियों समेत 12 लोगों के साथ आकर बसा था। तभी से यह परिवार यहां खेतीबाड़ी कर रहा है।

खास बात तो यह है कि यहां पर आने के बाद परिवार को ग्रामीणों का भी पूरा प्यार मिल रहा है। इसके अलावा सुबाराम, अल्लादिवायाराम और सोनाराम का परिवार भी मदीना में आया था, जो फिलहाल में काहनौर, फतेहाबाद और रतिया में रह रहे हैं।

नागरिकता के लिए खाई दर दर की ठोकरें

फुलचंद के दूसरे नंबर के बेटे हंसदास ने बताया कि काफी प्रयासों के बाद दिसंबर 2019 में उसे, उसकी मां बारो, बड़े भाई लश्करदास और उनकी पत्नी शुगरा को भारत की नागरिकता मिल गई थी। लश्करदास के परिवार की बात करें तो वह और उसकी पत्नी नागरिकता मिलने के बाद भारतीय हो गए। उनका छोटा बेटा राकेश कुमार यहीं पर पैदा हुआ तो वह भी भारतीय हो गया।

जबकि उनका बड़ा बेटा राजेश और बेटी फरजाना पाकिस्तान में पैदा हुए थे, इसलिए उन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। इसके अलावा लश्करदास की दो बहनें नेको और बंतो भी पाकिस्तान से उनके साथ आई थी। दोनों की शादी हांसी में हो चुकी है, लेकिन अभी तक वह भारत की नागरिकता के लिए ठोकरें खा रही है। इसी साल लश्करदास की बेटी फरजाना की भी सिरसा में शादी हो चुकी है।

जीते जी नहीं मिली नागरिकता

मदीना में बसने के बाद से ही फुलचंद अपने और अपने परिवार के सभी सदस्यों को भारत की नागरिकता दिलाने के प्रयास में लग गया था। वर्ष 2018 में फुलचंद की दूसरी पत्नी पठानों की मौत हो गई थी। करीब दो महीने पहले फुलचंद की भी मौत हो गई, लेकिन जीते जी दोनों को भारत की नागरिकता नहीं मिली।

सीएए कानून से जगी उम्मीद

राहत की बात तो यह है कि अभी तक इस परिवार के जिन सदस्यों को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। उनकी कागजी कार्रवाई अब पूरी हो चुकी है। इसके बाद से परिवार को उम्मीद है कि पाकिस्तानी नागरिकता का दंश उनके ऊपर से जल्दी ही हट जाएगा।

परिवार के बड़े बेटे हसंदास का कहना है कि नागरिकता के लिए सभी प्रक्रियाएं अब पूरी हो चुकी हैं। सरकार से अपील करते हुए कहा कि वे जल्दी ही सीएए बिल को लागू करवाएं। ताकि उनके जैसे पाकिस्तान से आकर काहनौर, रतिया और फतेहाबाद समेत अन्य स्थानों पर बसे परिवारों को नागरिकता में आ रही मुश्किलों को दूर किया जा सके।

Latest articles

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के खिलाड़ी लेकर आते हैं। खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए...

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। बात करें,...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर आती है।  इसी प्रकार से अभी सरकारी स्कूलों में...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में...

More like this

हरियाणा के स्कूलों में शुरू हुई नई पहल, अब घर वालों को फोन पर रिजल्ट देंगे स्कूल के अध्यापक

हरियाणा में 10वीं और 12वीं में खराब रिजल्ट वाले स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने...

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को दी बड़ी सौगात, किया यह ऐलान

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है. परिवहन...

Haryana को अब गर्मी से मिलेगी राहत,येलो अलर्ट किया जारी

हरियाणा में लगातार पड़ रही गर्मी से अब लोगों को राहत मिलने की संभावना...