Homeकुछ भीये हैं हरियाणा की वो शेरनियां जिनके नाम से थर-थर कांपती थी...

ये हैं हरियाणा की वो शेरनियां जिनके नाम से थर-थर कांपती थी ब्रिटिश हुकूमत

Published on

भारत की आजादी में सिर्फ पुरुषो का ही योगदान नहीं था बल्कि महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया। देश के कोने-कोने में आजादी से जुड़ी हजारों कहानियां हैं। हरियाणा में भी पुरुषों और महिलाओं ने आजादी में अपनी भूमिका निभाई है। यूं ही हरियाणा को वीरों की भूमि नहीं कहा जाता। इस मिट्टी ने अनेक वीर और बलिदानी पुरुषों को जन्म दिया है। साथ ही यहां की महिलाएं भी किसी मायने में पुरुषों से कम नहीं हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का इतिहास बेहद लाजवाब रहा है।

देशभक्ति में हरियाणा का नाम हमेशा ही आगे रहा है। फौज की बात हो या फिर देश को गर्व करवाने वाले पलों की हर जगह हरियाणवियों ने देश का मान सम्मान बढ़ाया है। आजादी में हरियाणा की महिलाओं का योगदान भी किसी मायने में कम नहीं रहा है।

देश को आजाद कराने में लाखों लोगों ने अपनी जान कुर्बान की है। 1857 से लेकर 1947 तक की कालावधि में हिसार, सिरसा, अंबाला, रोहतक, गुरुग्राम, उकलाना, टोहाना आदि क्षेत्रों से ऐसी महिलाओं की सूची काफी लंबी बनाई जा सकती है, जिन्होंने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया।

देश को आजाद कराने में कितने ही वीरों ने अपने खून बहाया है यह कहना बहुत ही मुश्किल है। जंग-ए-आजादी हरियाणा की सुपुत्रियाें ने पूरी हिम्मत और वीरता के साथ अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। इनमें प्रमुख थी चांदबाई, तारावती, लक्ष्मीबाई आर्य, गायत्री देवी, कस्तूरी देवी, मोहिनी देवी, मन्नोदेवी, सोहाग रानी, सोमवती, शन्नो देवी, कस्तूरीबाई। इन सभी ने अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी थी।

महिलाओं ने पेश की अनूठी मिसाल

इतिहास इसका हमेशा साक्षी रहेगा कि हरियाणा की सैंकड़ो महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अनूठी मिसाल कायम की थी। इन्हीं में एक हैं। हिसार की चांदबाई और तारावती। कटला रामलीला मैंदान हिसार में युद्व विरोधी नारे लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया तथा 22 फरवरी 1941 को 6 महीने की सजा दी गई तथा 24 फरवरी 1941 को महिला कारागार लाहौर भेज दिया गया। गर्भवती होने के कारण इनकी पुत्रवधू तारावती अपनी गिरफ्तारी नहीं दे पाईं।

छुड़ाए अंग्रेजों के पसीने

फेहरिस्त अभी समाप्त नहीं हुई है। हरियाणा की शेरनियों ने अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए थे। इन्हीं और नाम है सोनीपत की गायत्री देवी का, सोहाग रानी का, रोहतक की लक्ष्मी आर्या का, एक और लक्ष्मी देवी जिनके पति का नाम था ओम प्रकाश। ब्रिटिश सरकार ने इन पर मुकदमा चलाया और गिरफ्तार कर जेल में रखा। इस जेल में कोई राजनीतिक महिला नहीं थी। इसलिए पूरे शहर में विरोध हुआ और अंत में इन्हें लाहौर की महिला जेल में भेज दिया गया।

Latest articles

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के खिलाड़ी लेकर आते हैं। खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए...

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। बात करें,...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर आती है।  इसी प्रकार से अभी सरकारी स्कूलों में...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में...

More like this

हरियाणा के स्कूलों में शुरू हुई नई पहल, अब घर वालों को फोन पर रिजल्ट देंगे स्कूल के अध्यापक

हरियाणा में 10वीं और 12वीं में खराब रिजल्ट वाले स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने...

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को दी बड़ी सौगात, किया यह ऐलान

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है. परिवहन...

Haryana को अब गर्मी से मिलेगी राहत,येलो अलर्ट किया जारी

हरियाणा में लगातार पड़ रही गर्मी से अब लोगों को राहत मिलने की संभावना...