हरियाणा के लोगों के लिए एक के बाद एक सभी एक्सप्रेसवे को कनेक्ट किया जा रहा है। हरियाणा में एक और हाईवे बनकर तैयार हो गया है और जल्दी ही इस पर आवागमन शुरू हो जाएगा। छः लेन का यह अंबाला-नारनौल ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे तैयार हो चुका है। नारनौल से अंबाला (Narnaul to Ambala) के इस्माइलाबाद तक बनाए गए इस 152 डी राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) अंबाला-चंडीगढ़ (Ambala-Chandigarh) को व दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi-Jaipur Highway) पर कोटपुतली को जोड़ रहा है।
NHAI की तरफ से इसके लिए जो तैयारियां की जा रही है उसे देखकर लगता है कि जून के पहले हफ्ते में या इसके आस पास पीएम नरेंद्र मोदी इस एक्सप्रेसवे का उद्घटान कर सकते हैं। हाईवे नंबर 152 डी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के एल शर्मा ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे को एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अनुसार बनाया गया है।

एमरजेंसी कॉल सेंटर (Call center) से भी इसे जोड़ा गया है। इसके लिए हाईवे पर जगह-जगह एमरजेंसी कॉल के लिए टेलीफोन बूथ (telephone booth on Expressway) बनाए गए हैं। साथ ही निगरानी के लिए हाईवे के चप्पे-चप्पे पर CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं।
चालकों को मिलेंगी यह सुविधाएं

CCTV कैमरों के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इससे हाईवे (Highway 152 D) पर होने वाली दुर्घटनाओं व घटनाओं की जानकारी मिल पाएगी। इससे कंट्रोल रूम (control room) से तुरंत एमरजेंसी के लिए सहायता भेजी जा सकेगी। हाईवे के साथ ही चिल्ड्रन पार्क (Children’s Park), ट्रामा सेंटर (trauma center), व व्हीकल रिपेयरिंग सेंटर (Vehicle Repairing Center) भी स्थापित होंगे। इसके अलावा हाईवे पर ही वाहन पार्किंग, पेट्रोल व CNG पंप की सुविधा भी चालकों को मिलेगी।
जितना इस्तेमाल करोगे उतना ही toll tax लगेगा

इस हाईवे की विशेषता यह होगी कि वाहन चालक इस रोड पर जितनी दूरी तय करेंगे टोल टैक्स भी उसी के अनुसार लगेगा। क्योंकि हाईवे पर एक बार चढ़ते और एक बार नीचे उतरते समय ही टॉल बैरियर (toll barrier) आएगा। एक्सप्रेसवे के डिवाइडरों (dividers) पर सुंदर फूल-पौधे लगाए गए हैं।
ढके होंगे सड़क के छोर

एक्सप्रेसवे के दोनों छोर पर कंक्रीट की दीवार बनाई है। सड़क के किनारे एक्सेस कंट्रोल्ड हैं। धातु की चादरों से डिवाइडर (dividers) और सड़कों के छोर ढक दिए गए हैं ताकि कोई पशु हाईवे पर न चढ़ सके। सड़क के बीचो-बीच बने डिवाइडरों पर रंग-बिरंगे फूल भी लगेंगे। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ छायादार वृक्ष के पौधे लगाए जाएंगे। उनके बड़े होने पर पर्यावरण भी सुधरेगा और साथ ही पेड़ छाया भी देंगे। इससे वाहन चालकों को भी काफी राहत होगी।
खुलेंगे राज्य की तरक्की के द्वार

227 किलोमीटर लंबा यह हाईवे हरियाणा की तरक्की के द्वार खोलेगा। क्योंकि इस हाईवे के बनने से उत्तर और दक्षिण हरियाणा (South Haryana) में आवागमन सुगम होगा। दक्षिण हरियाणा व मध्य हरियाणा से उत्तर हरियाणा और चंडीगढ़ (Chandigarh) की ओर आने जाने वाले वाहन चालकों (drivers) व यात्रियों का समय भी बचेगा।

एक अनुमान के अनुसार इस एक्सप्रेसवे के बनने से अंबाला से जयपुर (Ambala to Jaipur) तक पहुंचने में 3 से 4 घंटे बचेंगे। एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि हरियाणा के समग्र विकास के लिए यह प्रोजेक्ट कारगर साबित होगी। खासकर अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ समेत आठ जिलों की सीमाओं के अंदर से गुजरने वाला यह हाईवे इन जिलों के विकास में भी अहम योगदान देगा।