बहुप्रतिक्षित पानीपत मेरठ रेलमार्ग (Panipat Meerut Railroad) के निर्माण को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सहमति दे दी है। अब रेल मंत्रालय वित्तिय स्वीकृति के लिए इसे वित्त मंत्रालय को भेजेगा। 104 किलोमीटर के इस रेलमार्ग के लिए करीब 3540 करोड़ के बजट की जरूरत है। बीते मंंगलवार को केंद्रीय पशुपालन मत्सय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान मुज्जफरनगर लोकसभा के सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ रेल मंत्री से दिल्ली में मिले थे। पानीपत मेरठ रेलवे लाइन चर्चा इस दौरान की गई। रेल मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इसके शीघ्र ही वित्त मंत्रालय और उसके बाद कैबिनेट में रखा जाएगा।
रेलवे इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली। पानीपत एलम, जौला, सरधना मेरठ तक यह लाइन जाएगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार एक हजार करोड़ से अधिक प्रोजेक्ट होने के कारण इसकी कैबिनेट से स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
पानीपत मेरठ रेल लाइन से हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम हो जाएगा। पानीपत से शामली, मुजफ्फरनगर मेरठ का सफर आसान हो जाएगा। पानीपत-मेरठ रेलवे लाइन का मामला वर्ष 2009 से संसद में उठता आ रहा है।
दो बार इस लाइन का सर्वे भी किया जा चुका है। लेकिन अब तक रेलवे लाइन का काम जमीन पर नहीं हुआ है। अब जाकर पानीपत शामली मुजफ्फरनगर मेरठ तक का रेल लाइन प्रस्तावित की गई है। दोनों एतिहासिक शहर पानीपत मेरठ सरघना रेलवे लाइन से जुड़ जाएंगे।
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पानीपत स्टेशन अधीक्षक इंद्र पाल खोशला के अनुसार अभी पानीपत मेरठ रेलवे लाइन का काम पहली स्टेज पर है। बजट में इस लाइन का प्रस्ताव आया था।
हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने बताया कि जल्द से जल्द यह लाइन बिछाई जाएगी। इससे मेरठ और पानीपत के बीच आने जाने वाले कारोबारियों को लाभ मिलेगा, कारोबार और अधिक बढ़ेगा। पानीपत का टेक्सटाइल उद्योगों और अधिक बढ़ेगा।