यूपीएससी की परीक्षा पास करना भारत में सबसे कठिन माना जाता है और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर लेना बहुत बड़ी बात है। हरियाणा के एक छोटे से गांव सेहलंगा की रहने वाली मुस्कान ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर परिवार ही नहीं गांव का नाम भी रोशन कर दिया है। परीक्षा में उन्हें 474वां रैंक हासिल किया और बधाई देने वालों का तांता उनके घर लगा हुआ है। पूरे गांव में त्योहार जैसा माहौल है। वह अपने गांव की पहली व्यक्ति हैं जो इतनी बड़ी अधिकारी बनेंगी। आज गांव की हर बेटी मुस्कान में अपने आप को देखती है। गांव की हर लड़की के लिए वह प्रेरणा बन चुकी हैं।
निवर्तमान सरपंच जगत सिंह ने कहा कि मुस्कान के बलबूते आज पहली बार 500 की आबादी वाले इस गांव में पहली बार कोई इतना बड़ा अधिकारी बनेगा। गांव की हर बेटी अब मुस्कान में अपने आप को देखती है।

कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाली मुस्कान का कहना है कि जब भी उन्हें ऐसा लगा कि मुश्किल हो रहा है, उस समय परिवार से उन्हें पूरा स्पोर्ट मिला। हर सदस्य केवल यही कहता था कि वह कर सकती है और कर लेगी। इसलिए यह परीक्षा पास करने में उनके परिवार का बड़ा योगदान है।

मुस्कान ने ग्रामीण परिवेश में पढ़ने वाले बच्चों को कहा कि आज के इस तकनीकी युग में हर तरह की पढ़ाई हमारी रेंज में है, ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर आगे बढ़ते रहें। कभी भी यह न सोचे की यह काम हमसे नहीं होगा।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय से साल 2020 में मुस्कान ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। और इन दिनों वह IGNOU से अपनी मास्टर की डिग्री कर रही हैं।
लॉकडाउन के बाद जुटी तैयारी में

मुस्कान के पिता विकास बताते हैं कि उनके पास मात्र एक से डेढ़ एकड़ जमीन है। पत्नी प्रतिभा ने मास्टर डिग्री की हुई है। पिता बैंक से प्रबंधक के पद से रिटायर है। पढ़ाई के प्रति हमेशा से ही परिवार का माहौल आदर्श रहा है जो कि मुस्कान के लिए फायदेमंद रहा। यहां तक पहुंचने में मुस्कान ने कोई अतिरिक्त कोचिंग नहीं ली।

महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद से वह लगातार परीक्षा की तैयारी कर रही थी। जिसका परिणाम यहां देखने को मिला है। परिवार की मदद से उसे हर संभव नोटस और कोचिंग का मैटिरियल घर पर ही उपलब्ध करवाया गया ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो।