हर रोज लाखों लोग अपने दफ्तर जाने के लिए या घूमने-फिरने के लिए ट्रेनों में सफर करते हैं। ऐसे में ट्रेन की बोगियां लोगों से खचाखच भरी होती है। लोगों को एक कदम रखने की जगह नहीं होती। छुट्टियों के दिनों में तो भीड़ रहती है लेकिन सामान्य दिनों में भी ट्रेनों में भीड़ कम नहीं होती। लेकिन आने वाले समय में लोगों को ट्रेन में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। जल्दी ही देशवासियों को लंबे और थका ऊपर से छुटकारा मिलने वाला है। जल्दी ही लोगों की मुश्किलें खत्म होने वाली हैं। अब परिवहन सेवाओं में जोरदार तरीके से क्रांति आने की संभावना नजर आ रही है।
कुछ सालों में फर्क भी काफी दिखाई देने लगे हैं। अब आने वाले कुछ सालों के भीतर पूूरी दुनिया पलक झपकते ही सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कर लेगी और थकान क्या होती है, यह किसी को पता भी नहीं चलेगा। जी हां ऐसे ही परिवहन प्रणाली का सफल अविष्कार कर लिया गया है।

आने वाले समय में इसमें काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। कुछ ही सालों के भीतर पलक झपकते ही पूरी दुनिया कुछ ही सेकंड में किलोमीटर का सफर तय होगा और थकान का तो पता भी नहीं चलेगा। ऐसी ही एक परिवहन प्रणाली का आविष्कार कर लिया गया है।

फिलहाल वर्जिन में नए हाईपरलूप का अविष्कार होने की बात सामने आ रही है। बता दें कि यह परिवहन सेवा एक कैप्शूल की शक्ल में है और वर्जिन से जारी हुए वीडियो को देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ सालों के भीतर लोग घंटों का सफर मिनटों में तय कर पाएंगे।

जैसे पुराने समय में हम आज के इस आधुनिक दुनिया की कल्पना करते थे, वैसे ही वर्तमान में हम भविष्य में होने वाली बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो अनहोनी सी लगती है। यह हाइपरलूप परिवहन का एक ऐसा सिस्टम है जिसे कैप्सूल की शक्ल में बनाया गया है। इसमें एक बार में 28 यात्री ही सफर कर पाएंगे। इस हाइपरलूप में लैविटेशन इंजन लगाया गया है जोकि हवा के प्रेशर से यानी वैक्यूम प्रणाली पर आधारित होगा। इस कैप्सूल की स्पीड 670 मील प्रति घंटा होगी।

यह लूप एक घंटे में आसानी से 670 किलोमीटर का सफर तय कर लेगा। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली और हरियाणा के गुरुग्राम से जयपुर तक का 280 किलोमीटर तक का सफर महज 20 मिनट में तय कर लेगा।