साल 2020 का दौर सभी ने देखा। 2020 में जब महामारी देश में आई, तब से लेकर आज तक पूरा देश इसी से जूझ रहा है। किसान हो या फिर कोई भी तबका सभी परेशान हताश हैं। लेकिन इस बीच कई लोगों की नौकरियां छुटि, कई लोगों की जान गई, कई लोग घर से बेघर हो गए, कई लोगों के साथ पता नहीं क्या-क्या घटा। ऐसी ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आई जिन्होंने झकझोर कर रख दिया। लोगों के कारोबार ठप हो गए। लोगों के काम धंधे बंद हो गए।

लोगों की जिंदगियों के साथ ऐसा हुआ जैसा शायद ही कभी देखा होगा। 1 तरीके से महामारी के साथ महाप्रलय की स्थिति से बन गई। लेकिन इस बीच कुछ लोग ऐसे भी रहे जिन्होंने जिंदगी में जंग लड़ने की ठानी। जिन्होंने जिंदगी में कभी हार न मानी।
जिन्होंने खुद तो जमाने का काम किया है दूसरों के लिए भी रोजगार पैदा किया। आज इस कहानी के माध्यम से इस खबर के माध्यम से एक ऐसे ही किसान की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं। हम हमेशा जय जवान जय किसान का नारा लगाते हैं। और यह बहुत जरूरी भी है, क्योंकि जवान और किसान यह दो ही हमारे देश की रीड की हड्डी हैं।

जवान पूरे देश की रक्षा करता है और किसान हमारे देश का अन्नदाता है, जो पूरे देश का पेट भरता है। ठीक इसी तरीके से एक किसान ने एक बार फिर से वही किया जो दूसरों के लिए काम आया। दूसरों को दूसरों का पेट भरने के साथ-साथ दूसरों को रोजगार देने का भी काम किया है। आपको इस किसान के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। दरअसल यह खबर महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले किसान की है जिन्होंने इस विपत्ति की घड़ी में 11 किसानों के साथ मिलकर एक ऐप लॉन्च किया।
“किसान कनेक्ट” के नाम से और अपने तमाम फल सब्जियों को पैकिंग कराकर सभी को रोजगार देने का काम भी किया है। इसमें महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया। और उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। और इस व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए उन्होंने अपनी फल सब्जी को जगह जगह बेकने का काम किया।

जगह-जगह सील पैक कर फल सब्ज़ी बैकने का काम किया। इसमें ऑनलाइन प्रोसेस भी है। इसमें कॉल ऑन डिमांड प्रोसेस भी है। लोग जो व्हाट्सएप पर जुड़ते थे वह अपनी डिमांड करते थे।
और सब्जियों को वहां वहां पहुंचाने का काम किया जाता रहा है। इस तरीके से इसके सामने लोगों को रोजगार भी देने का काम किया। और साथ ही साथ लोगों की जरूरतें भी पूरी की हैं।
बता दें आपको किसान श्रीकांत ढोक्चवले एमबीए ग्रैजुएट हैं और उन्होंने यह कारनामा कर दिया। अपनी परेशानी को दूर करने के साथ-साथ दूसरों की भी परेशानियों को दूर करने का काम। श्रीकांत बताते हैं कि पहले हमने सोशल के जरिए यानी व्हाट्सएप के जरिए ही अपनी फल सब्जियों को बेचने का काम किया।

लोग हम से जुड़ते गए कारवां बनता गया। लेकिन धीरे-धीरे सबसे पहले 11 किसान साथ जुड़े। उसके बाद और भी किसान हम से जुड़ते गए। फिर 400 किसान हुए।फिर उसके बाद किसानों की संख्या और बढ़ गई है पहले हमारा 3 लाख का टर्नओवर था।
फिर उसके बाद ही टर्नओवर बढ़ता गया। फिर डिमांड हमारे पास ज्यादा बढ़ती चली गई। इस डिमांड को देखते हुए हमने नेटवर्किंग वाले दोस्तों से बात की जिन्होंने एक ऐप और एक वेबसाइट लांच की। अब उसे पर वेबसाइट के माध्यम से हम फूड पैकेजिंग करते हैं। सब्जियों की पैकेजिंग करते हैं। और फलों की पैकेजिंग करते हैं।
और अब हमारा जो टर्नओवर है, वह करोड़ों में जा रहा है। श्रीकांत बताते हैं कि अगर आप स्मार्टफोन रखते हैं तो आप इस स्मार्टफोन के जरिए हमारे ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। हमारे “किसान कनेक्ट” एप के माध्यम से आप ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं। उसके लिए आपको सब्जियों की फलों की लिस्ट मिलेगी। आप उस पर रेट सेलेक्ट कर सकते हैं। आप उस पर अपनी लोकेशन सिलेक्ट कर सकते हैं।
और जब आप उस आर्डर को देंगे तो आप लॉगिन करेंगे। और लॉगिन करने के बाद आपके पास कितने समय में ऑर्डर पहुंचेगा यह भी आपको पता चल जाएगा। हम छोटे-छोटे मिनी ट्रक्स के माध्यम से ऑर्डर भेजते हैं। और हमारे पास पेटियों से ऑर्डर सप्लाई होता है।
हम पेटियों में फूड जो है वह सप्लाई करते हैं। जो लोग स्मार्टफोन नहीं रखते या फिर जिन लोगों के पास स्मार्टफोन चलाने की कैपेसिटी नहीं है। जो चलाना नहीं जानते, हमारा कस्टमर केयर का नंबर भी है उस कस्टमर केयर पर कॉल भी कर सकते हैं आईवीआर के माध्यम से पूरी और वह धीरे-धीरे आईवीआर के माध्यम से आगे बढ़ सकते हैं।
ऐसे भी वह ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं। और उन तक हम पूर्ण सामान पहुंचाने का काम करते हैं। हमने जो काम परेशानी में किया आज वह आशा बनकर आया है हमारे लिए भी, और दूसरों के लिए भी। हम ऐसे ही काम करते रहेंगे, दुनिया को रोजगार देने का भी काम करते रहेंगे।