गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से पहले ही बच्चे समर वेकेशन की तैयारियों में जुट जाते हैं। कहां जाना है, क्या करना है, सब सभी चीजों की प्लानिंग छुट्टियों से पहले ही कर लेते हैं। ऐसे में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं और कई बच्चे तो अपने नौनिहाल नाना-नानी के यहां जाने का प्लान बना रहे होंगे और कुछ तो अपने परिवार के साथ हिल स्टेशन पर जाने की तैयारी कर रहे होंगे। बच्चों के साथ अधिक समय बिताने के लिए उनके साथ मौज-मस्ती करने के लिए अभिभावक किसी दूर जगह पर टूर की प्लानिंग करने में जुटे होंगे। अगर आप अपने बच्चों को प्रकृति के मनमोहक दृश्यों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन का अनुभव कराना चाहते हैं तो आपको हरियाणा के यमुनानगर की सैर जरूर करनी चाहिए।
यमुनानगर पर्यटकों को अपने पर्यटन स्थलों की खूबसूरती और महत्ता की ओर आकर्षित करती है। इसकी खूबसूरती देखकर आप हिमाचल और उत्तराखंड भी भूल जाएंगे। बता दें कि यहां के पर्यटन स्थल धार्मिक महत्ता और प्राचीन इतिहास से भी जुड़े हुए हैं। जिले में कलेसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नेशनल पार्क का घना जंगल जिसकी हरियाली पूरे साल लोगों को अपनी ओर खींचती है।
वहीं, ताऊ देवी लाल हर्बल पार्क में दुर्लभ जड़ी-बूटियों का खजाना, हथिनी कुंड बैराज से यमुना की धारा जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश व दक्षिण हरियाणा की प्यास बुझाती है। यहां से निकल रही नहरें अपने शीतल जल से खुशहाली बांटते हुए आगे बढ़ती हैं। आदिबद्री में पहाड़ियों के बीच स्थित प्राचीन मंदिर व कलेसर मठ लोगों की आस्था का केंद्र है।
वन विभाग की गाड़ी में बैठ करते है सैर
प्रताप नगर के पास स्थित कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park) सुंदरता देखने लायक है। यहां पर्यटकों को वन विभाग की गाड़ियां जंगल की सैर करवाती हैं। इस पार्क की सीमा 3 राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से लगी हुई है।
पार्क के नजदीक ही कलेसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Kalesar Wildlife Sanctuary) भी है। यह पूरा पार्क विविधता गुफाओं के साथ वन खैर के जंगल, घास जंगली जानवरों के लिए बहुत ही अनुकूल है। घने जंगलों में शाकाहारी सांभर, चीतल, बार्किंग डीयर, गोरल, हिरण, नील गाय, नील बैल, जंगली सूअर, जंगली मुर्गा बड़ी संख्या में मौजूद है।
जड़ी बूटियों का भंडार है इस पार्क में
चुहड़पुर में स्थित ताऊ देवी लाल हर्बल पार्क प्राकृतिक जड़ी बूटियों का खजाना है। 184 एकड़ में फैले इस पार्क में 350 से ज्यादा दुर्लभ जड़ी बूटियों का संग्रह है। देश भर से विशेषज्ञ यहां अनुसंधान करने आते हैं।
इस हर्बल पार्क का उद्घाटन मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। जिस कुर्सी पर वह बैठे थे वह आज भी रिजर्व है। इस पर कोई और व्यक्ति नहीं बैठ सकता। उन्होंने अपने हाथ से इस पार्क में रुद्राक्ष का पौधा लगाया था।
साल भर पहुंचते हैं यहां सैलानी
यमुना नदी (Yamuna River) पर बना हथनी कुंड बैराज (Hathni Kund barrage) सवा नौ लाख क्यूसेक पानी का दबाव सहने की क्षमता रखता है। यमुना के कैचमेंट एरिया में बरसात से मानसून सीजन में यहां का नजारा देखते ही बनता है।
बैराज से ही पश्चिमी यमुना नहर से दिल्ली व पूर्वी नहर उत्तर प्रदेश में पानी का बटवारा होता है। मानसून के अलावा सालभर सैलानी यहां पानी देखने आते हैं। इससे पहले इसके नजदीक अंग्रेजो के समय में बनाया गया ताजेवाला हेड वर्कस था जो 128 वर्ष तक अपनी सेवाएं देता रहा।
बन रहा करोड़ों का थीम पार्क
बता दें कि बैराज के पास करोड़ों की लागत से 23 एकड़ जमीन पर थीम पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें पर्यटकों को आर्टिफिशियल लेक, पार्क, नक्षत्र केंद्र, मनोरंजन के लिए भूल भुलैया, रेस्टोरेंट, झूले, सेल्फी प्वाइंट सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके निर्माण के बाद पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा बिलासपुर-प्रतापनगर मार्ग पर लेदी गांव के पास प्रदेश का इकलौता हाथी पुनर्वास केंद्र बनसंतोर भी है।