हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की देखरेख व उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूव खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 की मेजबानी कर रहे हरियाणा ने जहां एक ओर पंचकूला के ताऊ देवीलाल खेल परिसर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का लुक दिया है, वहीं दूसरी ओर दिनभर की प्रैक्टिस व मुकाबलों की थकान दूर करने के लिए खिलाड़ियों के लिए वेलकम चैंपियनस नाईट का आयोजन किया है। इस रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत पंचकूला के सेक्टर- 20 के माॅडल संस्कृति स्कूल के बच्चों द्वारा पेश की गई रागिनी से हुई, जिस पर दर्शकों का जोश देखते ही बनता था।
ताऊ देवीलाल खेल परिसर में लगाई गई स्पोर्ट्स एक्सपो की देखरेख कर रही सचिव, वित्त-सह-सलाहकार सोफिया दहिया के अनुसार वेलकम चैंपियनस नाइट के पहले दिन हरियाणवी नाइट का अयोजन किया गया था, जिसमें हरियाणा के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
उसके बाद दूसरे दिन इंडियन कल्चरल नाइट का अयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। आज तीसरे दिन हरियाणा मूल के कलाकार परमजीत सहरावत ने विशेष प्रस्तुति देकर खिलाड़ियों व दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की जान बने प्रसिद्ध आरजे मानव ने खिलाड़ियों व दर्शकों के साथ फनी गेम्स खेली और उन्हें गिफ्ट्स भी दिए। कार्यक्रम में आए बच्चों ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 के शुभंकर धाकड़ के साथ सेल्फी ली और हरियाणवी गानों पर साथ में डांस किया।
यह चैंपियनस नाइट लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पूरे दिन अलग-अलग मुकाबलों में खिलाड़ियों का जोश व उत्साहवर्धक करने के बाद दर्शक भी बेसब्री से इस चैंपियनस नाइट का इंतजार करते हैं।
हरियाणा के खेल अचीवर्स पर लगाई गई स्पोर्टस एक्सपो में सभी राज्यों के खिलाड़ी उत्सुकता से हरियाणा के खिलाड़ियों की जानकारी ले रहे हैं कि किस प्रकार छोटा सा हरियाणा ओलंपिक, एशियाड व काॅम्नवेल्थ में इतने मेडल लाता है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में 7 में से 4 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने लिए हैं, जिसको सभी खिलाड़ी उत्साह से देख रहे हैं और उसके साथ सेल्फी ले रहे हैं।
वहीं अचीवर्स में खेल मंत्री ओलंपियन सरदार संदीप सिंह, जो स्वयं इस चैंपियनस नाइट में पधारे थे, के बारे में भी दिलचस्पी से जानकारी ले रहे हैं। कुछ खिलाड़ी तो यह पूछ रहे हैं कि संदीप सिंह को फलीक्र सिंह क्यों कहा जाता है।
संदीप सिंह के बारे में उल्लेखनीय है कि उनकी हाॅकी के खेल में अधिकतम गति सीमा 145 किलोमीटर प्रति घंटा की दर से नापी गई थी और भारतीय टीम के लिए किसी भी हाॅकी ओलंपिक क्वालिफाइंग के लिए सर्वाधिक पांच गोल करने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी रहे हैं।