पेट्रोल-डीजल से होने वाले प्रदूषण को कम करने लिए हरियाणा रोडवेज ने बहुत ही अच्छा और प्रशंसनीय कदम उठाया है। लोगों की यात्रा सुगम बनाने के लिए हरियाणा रोडवेज लगातार नए नए काम कर रही है। अब हरियाणा की सड़कों पर डीजल वाली बसें नहीं बल्कि बिजली से चलने वाली 800 बसों का संचालन होगा। इसमें एसी और नॉन एसी दोनो बसें शामिल हैं। अब रोडवेज की बसों का पहिया डीजल की जगह बिजली से दौड़ेगा। इन बसों से पर्यावरण के साथ-साथ आम आदमी को भी राहत मिलेगी।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने फिलहाल प्रदेश के 10 जिलों में इन 800 बसों को चलाने का फैसला लिया है। इससे रोडवेज के बेड़ा भी बढ़ेगा और लोगों को भी राहत मिलेगी। बसों के चार्जिंग की सुविधा बस डिपो पर ही उपलब्ध होगी। एक बस को 12 साल या 10 लाख किलोमीटर तक चलाने की योजना है।
बता दें कि एक बार चार्ज होने के बाद यह बसें 200 किलोमीटर तक का सफर आसानी से कर पाएंगी। वहीं किराए की बात करें तो पहले से संचालित बसों में जितना किराया लगता है, इसमें भी उतना ही लगेगा। जबकि एसी की बसों में सामान्य से थोड़ा ज्यादा किराया लगेगा।
वहीं रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि बसों का संचालन नगर निगम और रोडवेज विभाग द्वारा मिलकर किया जाएगा। 800 में से 600 नॉन एसी और 200 एसी बसें शामिल हैं।
इन 10 जिलों में होगा संचालन
- फरीदाबाद – 100
- गुरुग्राम – 50
- पानीपत – 80
- अंबाला – 100
- यमुनानगर – 80
- हिसार – 100
- रोहतक – 80
- करनाल – 100
- सोनीपत – 80
- पंचकूला – 50
जानकारी के अनुसार रोडवेज दो तरह की इलेक्ट्रिक बसें संचालित करेगी। जिसमें एक बस की लंबाई 9 मीटर जिसमें 35 सीटें और वहीं दूसरी बस की लंबाई 12 मीटर जिसमें 50 से ज्यादा सीटें होंगी।
बता दें कि बसों के लिए हरियाणा रोडवेज ने सीआईसीएल कंपनी से संपर्क किया है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर कंपनी और रोडवेज के बीच बातचीत का दौर शुरू हो चुका है। कंपनी की ओर से ड्राइवर, चार्जिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिपेयर मैनेजमेंट, बिजली खर्च आदि शामिल होगा।